टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

एनजीटी का फॉक्सवैगन को 100 करोड़ रु. जमा कराने का निर्देश

याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कथित तौर पर उत्सर्जन मानकों का उल्लंघन करने पर फॉक्सवैगन गाड़ियों की बिक्री पर प्रतिबंध की मांग की गई है।

11:30 AM Nov 17, 2018 IST | Desk Team

याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कथित तौर पर उत्सर्जन मानकों का उल्लंघन करने पर फॉक्सवैगन गाड़ियों की बिक्री पर प्रतिबंध की मांग की गई है।

नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने शुक्रवार को फॉक्सवैगन को निर्देश दिया कि वह अपनी डीजल गाड़ियों के उत्सर्जन परीक्षण के लिए कथित तौर पर ‘चीट डिवाइस’ (धोखाधड़ी के लिए उपकरण) का इस्तेमाल करने के मामले में सीपीसीबी के समक्ष 100 करोड़ रुपये की अंतरिम राशि जमा कराए।

Advertisement

राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक समिति भी गठित की है। इस समिति में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, भारी उद्योग मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सदस्य शामिल होंगे।

हरित अधिकरण ने समिति को निर्देश दिया कि वह एक महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपे और कंपनी तथा मामले में याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह समिति के समक्ष सात दिन के अंदर उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें। अधिकरण शिक्षिका सलोनी एलावादी और कुछ अन्य की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कथित तौर पर उत्सर्जन मानकों का उल्लंघन करने पर फॉक्सवैगन गाड़ियों की बिक्री पर प्रतिबंध की मांग की गई है।

ऑटोमोबाइल कंपनी ने पूर्व में अधिकरण के सामने एक प्रस्ताव पेश कर देश में ‘चीट डिवाइस’ के साथ बेची गई 3.23 लाख गाड़ियों को वापस लेने की रूपरेखा रखी थी। ‘चीट डिवाइस’ डीजल इंजन में लगाया जाने वाला एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जिससे उत्सर्जन परीक्षण में हेरफेर किया जाता है।

Advertisement
Next Article