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Nifty Financial Services: 2025 की पहली छमाही में किया शानदार प्रदर्शन, 16% की हुई वृद्धि

03:33 PM Jun 27, 2025 IST | Amit Kumar
nifty financial services  2025 की पहली छमाही में किया शानदार प्रदर्शन  16  की हुई वृद्धि
Nifty Financial Services:

Nifty Financial Services: साल 2025 की पहली छमाही में भारतीय वित्तीय सेवा क्षेत्र ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है. निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स ने लगभग 16% की वृद्धि दर्ज की, जिससे यह बाजार के अन्य क्षेत्रों की तुलना में सबसे आगे रहा. यह मजबूती मजबूत आर्थिक संकेतकों और निवेशकों के बढ़ते भरोसे का परिणाम है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही के एक इंट्रा-डे सेशन में, यह इंडेक्स 27,249 के अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंचा, जो इसके 52-सप्ताह के निचले स्तर 22,320.85 से करीब 22% की तेजी को दर्शाता है. इस तेजी को बढ़ावा देने वाले मुख्य कारकों में शामिल हैं, भू-राजनीतिक जोखिमों में कमी, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में तेजी.

DII और कॉर्पोरेट इनकम से मिला सपोर्ट

घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने भी इस तेजी में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. साथ ही, FY26 की जून तिमाही में कॉर्पोरेट आय के पुनरुद्धार की उम्मीदें, खासकर बैंकिंग, बीमा और एनबीएफसी क्षेत्रों में, बाजार की आशावादी धारणा को मजबूती दे रही हैं. पिछले एक साल में निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स में लगभग 14% की बढ़त देखी गई. साल 2025 की शुरुआत में जनवरी और फरवरी में 1% की गिरावट आई थी, लेकिन इसके बाद मार्च में 9%, अप्रैल में 4%, मई में 1.5% और जून में अब तक 2.7% की वृद्धि दर्ज की गई है.

शानदार प्रदर्शन करने वाले स्टॉक्स

20 घटकों वाले इस इंडेक्स में, SBI कार्ड्स ने सबसे अधिक 47.5% की बढ़त हासिल की. इसके बाद MCX ने 41% की बढ़त दर्ज की. अन्य प्रमुख लाभार्थी शेयरों में बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट, और SBI लाइफ शामिल हैं. इन सभी ने 30% से अधिक रिटर्न दिया है. वहीं कोटक महिंद्रा बैंक, श्रीराम फाइनेंस, मुथूट फाइनेंस, एचडीएफसी लाइफ, और एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट ने भी 20-30% के दायरे में बेहतर रिटर्न दिए. इसके अलावा कुछ स्टॉक्स ने इंडेक्स को थोड़ा दबाव में रखा. REC में लगभग 20% की गिरावट आई, जबकि PFC और ICICI प्रूडेंशियल लाइफ में भी हल्की गिरावट दर्ज की गई.

RBI दिशानिर्देशों का सकारात्मक असर

आरबीआई द्वारा परियोजना वित्त पर जारी किए गए अंतिम दिशानिर्देशों ने बाजार की धारणा को बल दिया है. मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, प्रावधान मानकों में ढील, विशेषकर निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए, बैंक और एनबीएफसी के लिए राहतकारी है. अब प्रावधान दरें 1-1.25% तक सीमित कर दी गई हैं, जो पहले प्रस्तावित 5% से काफी कम हैं.

बाजार विश्लेषकों के अनुसार, जैसे-जैसे आर्थिक स्थितियां स्थिर होती जा रही हैं और नीति निर्धारण में स्पष्टता आती है, वित्तीय सेवा क्षेत्र की मजबूती बरकरार रहने की संभावना है. विदेशी निवेशकों और घरेलू संस्थानों दोनों का मजबूत समर्थन, साथ ही बेहतर कॉर्पोरेट आय के अनुमानों के चलते, वर्ष की दूसरी छमाही में भी यह क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन कर सकता है.

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Amit Kumar

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