Nimisha Priya Case: केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी टली, ग्रैंड मुफ्ती ने किया दावा
Nimisha Priya Case: यमन में हत्या की दोषी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा को रद्द कर दिया गया। भारतीय ग्रैंड मुफ्ती, कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के कार्यालय ने इसका दावा किया है। बता दें कि यह निर्णय यमन की राजधानी सना में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिया गया, जहां मौत की सजा को पूरी तरह से रद्द करने का निर्णय लिया गया, जिसे पहले अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था।
क्यों हुई थी मौत की सजा
Nimisha Priya Case: भारत में केरल राज्य की 37 वर्षीय भारतीय नर्स निमिषा प्रिया यमन में रहती है और जून 2018 में एक यमन नागरिक की हत्या के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद 16 जुलाई को फांसी की सजा सुनाई गई थी। इस फैसले को देश की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में बरकरार रखा था। निमिषा की हत्या टालने के लिए भारत सरकार के ने कई प्रयास किए थे इन प्रयासों के बाद भारत की बड़ी जीत हुई है और निमिषा की फांसी रद्द कर दी गई।
निमिषा ने लगाए आरोप
यमन में निमिषा ने अपना क्लिनिक खोला था और इस दौरान महदी ने क्लिनिक के दस्तावेजों में हेरफेर किया। निमिषा ने आरोप लगाया था कि महदी उसे और उसके परिवार को कई सालों से परेशान कर रहा था और यमन ना छोड़ने के लिए महदी ने उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था। इन सभी यातनाओं से परेशान होकर निमिषा ने यमन की पुलिस से शिकायत की लेकिन महदी के खिलाफ कार्रवाई करने के बदले निमिषा को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और छह दिनों तक जेल में रखा।
महदी की हुई थी मौत
महदी से परेशान होकर और पासपोर्ट ना मिलने के कारण निमिषा ने उसे बेहोश करने की कोशिश की लेकिन बेहोशी की कम दवा से उसपर कोई असर नहीं हुआ और अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए उसे फिर से बेहोश करने की कोशिश की और दवा की अधिक डोज दी लेकिन कुछ ही मिनटों में दवा के ओवरडोज़ के कारण उसकी मौत हो गई।
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