यमन में टली भारत की निमिषा की फांसी, जानें कैसे लगा हत्या का आरोप
Nimisha Priya: यमन में भारत की निमिषा की फांसी टल गई है। कल निमिषा को फांसी होने वाली थी। लेकिन अब उसकी फांसी को टाल दिया गया है। खबर है कि यमन के स्थानीय अधिकारियों ने निमिषा प्रिया की मौत की सजा को टाल दिया है। आपको बता दें कि इससे पहले यमन में निमिषा प्रिया को बुधवार, 16 जुलाई, 2025 को फांसी देने का फैसला किया गया था।
जानें पूरा मामला
केरल की रहने वाली 37 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया यमन की राजधानी सना में मौत की सजा सुनाई गई , जिससे उनका परिवार सदमे में है. उनकी मां प्रेमा कुमारी उन्हें बचाने की हर कोशिश कर रही हैं। उन्होंने भारत सरकार से मदद की गुहार भी लगाई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, निमिषा प्रिया 2008 में यमन गईं थीं और वहां नर्स के रूप में काम शुरू किया। उन्होंने 2011 में शादी की और एक बेटी हुई. लेकिन 2014 में पति और बेटी को आर्थिक तंगी के चलते भारत लौटना पड़ा, जबकि निमिषा यमन में ही रुक गईं और खुद का क्लिनिक खोलने की कोशिश करने लगीं।
साझेदारी में किया व्यापार
बता दें कि यमन में विदेशी महिलाएं अकेले कारोबार नहीं कर सकतीं, ऐसे में उन्होंने एक स्थानीय व्यापारी तलाल अब्दो महदी के साथ साझेदारी की, लेकिन ये साझेदारी जल्द ही एक दुखद अनुभव में बदल गई. निमिषा का आरोप है कि तलाल ने खुद को कागज़ी पति घोषित कर दिया और उसके बाद शारीरिक व मानसिक शोषण करने लगा। उसने निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया और उनकी कमाई पर भी हक जताया।
आत्मरक्षा में हुई एक बड़ी चूक
निमिषा ने बताया कि वह इस शोषण से बचने के लिए तलाल को नींद की दवा देकर बेहोश करना चाहती थीं, ताकि पासपोर्ट वापस लेकर भाग सकें। लेकिन दवा की ओवरडोज़ हो गई और तलाल की मौत हो गई। यमन की अदालत ने इसे हत्या माना और उन्हें मौत की सज़ा सुना दी। अब भारत सरकार की अपील के बाद निमिषा की फांसी को टाल दिया गया है।

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