निम्मीः मेरा सलाम ले जा !
साठ के दशक तक अभिनय की बुलन्दियों पर रही फिल्म तारिका निम्मी के निधन से कला व फिल्म प्रेमी दु:खी हैं। वह अपने समय की ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने प्रायः एक गांव की गोरी का किरदार निभाकर ‘ग्लैमर’ को नया रंग दिया
04:49 AM Mar 28, 2020 IST | Aditya Chopra
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साठ के दशक तक अभिनय की बुलन्दियों पर रही फिल्म तारिका निम्मी के निधन से कला व फिल्म प्रेमी दु:खी हैं। वह अपने समय की ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने प्रायः एक गांव की गोरी का किरदार निभाकर ‘ग्लैमर’ को नया रंग दिया। उनकी शोख मुस्कराहट वाला चेहरा पचास व साठ के दशक में दर्शकों में इस तरह प्रचलित हुआ था कि तब की युवा बालाएं उसकी नकल करके स्वयं के सौन्दर्य को नखारने का सपना पालती थीं। उनकी इस शोख मुस्कराहट से भरी अदाकारी को उस वक्त का सबसे हंसीन फिल्मी तोहफा भी कहा जाता था जिसकी केवल मधुबाला जैसी मशहूर तारिका ही अपनी स्वनिल हंसी से चमकाने में कामयाब हो पाई थीं।
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उनकी संवाद अदायगी स्वयं में एक कला थी जिसे अन्य अभिनेत्रियां सरलता से नहीं पकड़ पाती थीं, हालांकि उन्होंने मीना कुमारी, मधुबाला, जैसी हसीन-तरीन और अदाकाराओं के साथ अभिनय के क्षेत्र में काम किया, किन्तु-परन्तु प्रत्येक भूमिका में उनका अभिनय अलग चमक बिखेरना वाला साबित हुआ और उन्होंने अपना ही नया अभिनय अंग सृजित किया।
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राजेन्द्र कुमार अभिनीत फिल्म ‘मेरे महबूब’ में उनकी बड़ी बहन बनी निम्मी की भूमिका को कौन दर्शक भूल सकता है? यह वह जमाना था जब एक तरफ दर्शक निम्मी को ‘सिल्वर स्कीन’ पर देखते ही सिनेमा हाल को तालियों को गुंजा देते थे और दूसरी तरफ फिल्म निर्माता उनकी फिल्म में काम करने की रजामन्दी को उसकी सफलता की गारंटी मान लेते थे। इसकी वजह यह थी कि निम्मी बहुत सोच-समझकर किसी फिल्म में काम करना गंवारा करती थी। अपनी इसी चुनीन्दा पसन्दगी की आदत के कारण उन्होंने ‘साधना’ और ‘वो कौन थी’ जैसी फिल्मों में काम करने से इन्कार कर दिया था।
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फिल्म साधना में ‘वैज्यन्ती माला’ और वो कौन थी में ‘अभिनेत्री साधना’ को फिल्म निर्माता बी.आर. चोपड़ा ने लिया और दोनों ही फिल्मों को शानदार सफलता मिली थी, मगर निम्मी ने इसका रंज नहीं किया और अपनी सफलता का सफर जारी रखा। 1949 में फिल्म बरसात में महान कलाकार राजकपूर ने उन्हें सह नायिका के रूप में जब काम करने का अवसर दिया तो उन्होंने इस फिल्म की नायिका नरगिस के ‘ग्लैमर’ को अपनी मन्द-मन्द मुस्कान की भाव भंगिमाओं के साथ चुनौती दे डाली। वास्तव में फिल्मी अभिनय को लोकप्रिय बनाते हुए शास्त्रीय अन्दाज में पेश करने वाली तारिकाओं में निम्मी का नाम पहली पंक्ति में रखा जायेगा। साहित्य के रूप-रस-शृंगार की परिभाषा में नायिका के नख-शिक वर्णन की स्थापित मान्यताओं पर उन्होंने कभी खरा उतरने की कोशिश नहीं की बल्कि सभी मान्यताएं उन पर पूरी खरी उतर गईं। जिसका प्रमाण दिलीप कुमार के साथ 1951 में उनकी अभिनीत फिल्म ‘आन’ थी। इसके अंग्रेजी रूपान्तरण जिसका नाम ‘सेवेज प्रिंसेस’ रखा गया था , का ‘प्रीमियर’ लन्दन में हुआ था और खुद निम्मी उसमें शिरकत करने ब्रिटेन गई थीं।
वह फिल्मी पर्दे पर ही भारतीय नारी को साकार नहीं करती थी बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भारतीय संस्कारों की अलम्बरदार भी रही। इसी लन्दन के प्रीमियर पर उनकी मुलाकात बालीवुड के मशहूर सितारे ‘एरोल फ्लिन’ से जब हुई तो वह अंग्रेजी परम्परा के अनुसार निम्मी का चुम्बन लेने आगे बढे़ तो निम्मी पीछे हट गईं और कहा कि ‘मैं एक भारतीय लड़की हूं।’ इस घटना को लन्दन के अखबारों ने सुर्खियां बनाकर छापा और लिखा कि ‘अनकिस्ड इंडियन गर्ल।’ निम्मी की विशेषता यह थी कि वह अभिनय नहीं करती थीं बल्कि कहानी काे हकीकत दे देती थीं। तीन घंटे तक सिनेमा हाल में बैठे दर्शक उनके अभिनय को देख कर कभी आंखें नम करते थे तो कभी दुआएं बरसाते थे।
एक कलाकार के लिए इससे कोई दूसरी सफलता नहीं हो सकती, परन्तु उन्होंने स्वयं को भी एक ही सांचे की कलाकार भी नहीं बनाया और समय के अनुरूप भूमिकाओं का चुनाव करते हुए दर्शकों को हर किरदार में हकीकत दिखाई, हालांकि उनकी मृत्यु 87 वर्ष की पूरी आयु में हुई है मगर उन्होंने अपनी लोकप्रियता का लाभ फिल्मों को छोड़ने के बाद भी उठाने की कोशिश नहीं की और मशहूर फिल्म मुगले आजम बनाने वाले निर्माता के. आसिफ की फिल्म ‘लव एंड गाड’ को उनकी मृत्यु के बाद भी बिना किसी मेहनताने के पूरा किया। यह फिल्म आसिफ साहब की बेवा ने 1986 में प्रदर्शित की थी।
निम्मी ने दिलीप कुमार के साथ ही फिल्म ‘उड़न खटोला’ में काम किया था जिसमें वह नायक के लिए दुआ में गीत गाती हैं कि–मेरा सलाम ले जा, दिल का पयाम लेता जा, ओ उड़न खटोले वाले। आज हिन्दोस्तान के कला व फिल्म प्रेमी उन्हें यही दुआएं देकर अपनी श्रद्धांजिल अर्पित कर रहे हैं। नवाब बानो के नाम से जन्मी कलाकार निम्मी को खुदा हाफिज!
– आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com

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