Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

कल है निर्जला एकादशी, जान लें व्रत में क्या करें और क्या न करें

निर्जला एकादशी पर जानें व्रत के नियम और सावधानियां

04:47 AM Jun 05, 2025 IST | Shivangi Shandilya

निर्जला एकादशी पर जानें व्रत के नियम और सावधानियां

निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून को मनाया जाएगा, जो सभी 24 एकादशियों का फल देता है। इस दिन बिना अन्न-जल के व्रत रखना पुण्यकारी माना जाता है। व्रत में पीपल पर जल चढ़ाएं, भजन-कीर्तन करें, और दान-पुण्य करें। मांस-मदिरा से दूर रहें और झूठ-क्रोध से बचें। पद्म पुराण में इसे अत्यंत शुभ माना गया है।

हिंदू धर्म में हर दिन का अपना एक अलग विशेष महत्व है। 6 जून शुक्रवार का दिन धार्मिक दृष्टि से बेहद खास है। इस दिन कई अलग-अलग नक्षत्र बन रहे हैं। इस दिन निर्जला एकादशी रखा जाएगा, जिसका विशेष महत्व है। निर्जला एकादशी का व्रत समस्त 24 एकादशियों का फल देती है। इस दिन बिना अन्न-जल के व्रत रखना पुण्य का काम माना जाता है। ऐसे में सबसे बड़ी दुविधा यह रहती है कि व्रत तो रख लिया अब इस दौरान क्या करें और क्या न करें। जिससे हमसे कोई पाप न हो जाए।

Advertisement

व्रत में क्या करें?

अगर आपने निर्जला एकादशी का व्रत रखा है तो आपको इस दिन पीपल और आंवले के पेड़ में जल चढ़ाना चाहिए। जरुरतमंदों को अपनी शक्ति के अनुसार दान देना चाहिए.

सुहागिन महिलाओं को व्रत पर पीपल पर 7 बार परिक्रमा करना शुभ माना गया है। ऐसे में इस दौरान कच्चा सूत लपेटना भी अच्छा माना गया है। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन अच्छा रहता है।

भजन-कीर्तन करें

भगवान विष्णु की पूजा करें

दान-पुण्य करें: निर्जला एकादशी के दिन आम, जल से भरे घड़े आदि दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।

तुलसी में जल अर्पित करें, पूजा करें।

तुलसी के पास दीपक जलाएं

क्या न करें

निर्जला एकादशी पर किसी भी जनावर को बासी खाना न खिलाएं।

जल और अन्न का सेवन न करें

झूठ और क्रोध से बचें

दूसरों को अपमानित न करें

मांस-मदिरा और तामसिक भोजन से दूरी रखें

बाल, नाखून न काटें

शुभ मुहूर्त: विवाह, व्यापार प्रारंभ करना, सोना-चांदी खरीदना, वाहन खरीदना, नया कार्य प्रारंभ करना आदि शुभ एवं फलदायी होते हैं।

पद्म पुराण क्या कहता है?

पद्म पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति निर्जला एकादशी के दिन जल से संबंधित नियमों का पालन करता है, उसे एक पहर में करोड़ों स्वर्ण मुद्राएं दान करने के समान फल मिलता है। पुराण में उल्लेख है कि स्वयं भगवान कृष्ण ने कहा है कि इस दिन किए गए स्नान, दान, जप, होम आदि सभी अक्षय फल देते हैं। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से व्यक्ति वैष्णव पद को प्राप्त करता है।

Bengaluru stampede: कर्नाटक HC ने सरकार से मांगी रिपोर्ट, मंगलवार को अगली सुनवाई

Advertisement
Next Article