W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

निर्मल सिंह खालसा का रात के अंधेरे में हुआ अंतिम संस्कार

स्वर्ण मंदिर के 68 वर्षीय पूर्व रागी पद्मश्री निर्मल सिंह खालसा की कोरोना संक्रमण के चलते हुई मौत के बाद अमृतसर-पठानकोट रोड़ पर और मदूल बाईपास के नजदीक देर रात उनका अंतिम संस्कार अपनों से दूर दान दी हुई पंचायती जमीन पर भारी सुरक्षा बंदोबस्त के तहत कर दिया गया।

10:33 PM Apr 03, 2020 IST | Shera Rajput

स्वर्ण मंदिर के 68 वर्षीय पूर्व रागी पद्मश्री निर्मल सिंह खालसा की कोरोना संक्रमण के चलते हुई मौत के बाद अमृतसर-पठानकोट रोड़ पर और मदूल बाईपास के नजदीक देर रात उनका अंतिम संस्कार अपनों से दूर दान दी हुई पंचायती जमीन पर भारी सुरक्षा बंदोबस्त के तहत कर दिया गया।

निर्मल सिंह खालसा का रात के अंधेरे में हुआ अंतिम संस्कार
लुधियाना-अमृतसर : स्वर्ण मंदिर के 68 वर्षीय पूर्व रागी पद्मश्री निर्मल सिंह खालसा की कोरोना संक्रमण के चलते हुई मौत के बाद अमृतसर-पठानकोट रोड़ पर और मदूल बाईपास के नजदीक  देर रात उनका अंतिम संस्कार अपनों से दूर दान दी हुई पंचायती जमीन पर भारी सुरक्षा बंदोबस्त के तहत कर दिया गया। इस दौरान श्री अकाल तख्त साहिब के मुख्य ग्रंथी मलकीत सिंह ने अंतिम संस्कार के वक्त विशेष तौर पर पहुंचकर अरदास की जबकि खालसा के परिवारिक सदस्यों में से उनके पुत्र अमितेश्वर सिंह भी मोजूद थे। 
इससे पहले उनके अंतिम संस्कार के लिए 2-3 शमशान घाटों में स्थान ना मिलने के कारण श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने गहरी नाराजगी प्रकट करते कहा कि ऐसा होना बहुत दुखदाई है।  शिरोमणि कमेटी के प्रधान गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने भी ऐसे व्यवहार पर सरकार और प्रशासन से नाराजगी प्रकट की। 
स्मरण रहे कि शहर के रजिस्ट्रड शमशान घाट दुर्गायाणा मंदिर के नजदीक और चाटीविंड इलाके समेत गुरूद्वारा शहीदा के नजदीक शमशान घाट भी है, जहां बिना किसी मतभेद के प्रत्येक व्यक्ति को मोत के बाद स्थान मिलता रहा है किंतु प्रशासन ने नामुरीद कोरोना बीमारी के चलते निर्मल सिंह खालसा का अंतिम संस्कार अमृतसर शहर के नजदीक कस्बां वेरका की शमशान घाट का चुनाव किया था। स्थानीय इलाका निवासियों को इस अंतिम संस्कार की भनक लगते ही विरोधता शुरू हुई तो  स्थानीय लोगों और कुछ सियासी आगुओं के चलते मास्टर हरपाल सिंह वेरका और कोंसलर परमिंद्र कोर से हुई बैठक के उपरांत फैसला लिया गया कि वेरका की शमशान घाट पर निर्मल सिंह की मृत देह को अगिनभेंट नहीं किया जाएंगा। जबकि स्थानीय लोगों ने अपने इलाके में होने वाले इस दाह संस्कार के दौरान शमशान घाट के मुख्य दरवाजे पर ताले लगाकर बंद कर दिए थे।  
कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के निर्मल सिंह खालसा को इलाज के लिए आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया था। जहां उनकी मौत वीरवार की सुबह साढ़े 4 बजे हुई थी। इसी बीच उनके संपर्क में आई पत्नी, दोनों बेटियों, बेटे, ड्राइवर, दो सेवादारों, दो साथी रागियों समेत परिवार के दो अन्य सदस्यों को भी आइसोलेट किया गया है, जबकि इसके अलावा उनके एक साथी रागी के परिवार के पांच सदस्यों को भी एकांतवास किया गया है। इन सभी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। प्रशासन ने पूरा इलाका सील कर दिया है। इस बीच, ग्रामीणों ने निर्मल खालसा का शव गांव के शमशान घाट पर ना जलाने की घोषणा कर दी। उनका कहना था कि जले हुए शव की राख और उड़ती धूल-मिटटी से गांववासी संक्रमित हो जाएंगे। आखिरकार अमृतसर, बटाला रोड़ पर गांव से ही 12 किमी दूर पंचायत की दस एकड़ जमीन भाई निर्मल सिंह खालसा के नाम पर गांववासियों ने दान दे दी, ताकि उनका खुले खेत में अंतिम संस्कार किया जा सके। 
हालांकि इलाके के कांग्रेसी आगु भगवंत पाल सिंह सचर ने अपने गांव और गुरूद्वारा बाबा बुडढा सिंह कथूनंगल में संस्कार करने की पेशकश की। इसी के साथ ही श्री दरबार साहिब अमृतसर के मेनेजर राजिंद्र सिंह रूबी को सूचित किया कि खालसा जी का संस्कार गांव शुक्रचर के नजदीक किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारी सुरक्षा बंदोबस्त के तहत खालसा की मृत देह का संस्कार देर रात किया गया, जिसकी समस्त क्रिया रात 3 बजे तक चली। इस मोके अरदास श्री अकाल तख्त साहिब के हैड ग्रंथी भाई मलकीत सिंह ने की। भाई निर्मल सिंह खालसा के परिवारिक सदस्यों में उनकी धर्मपत्नी नसीब कौर, 2 बेटों समेत 2 बेटियां छोड़ गए है। 
– सुनीलराय कामरेड
Advertisement
Advertisement
Author Image

Shera Rajput

View all posts

Advertisement
Advertisement
×