'अमेरिकी टैरिफ वृद्धि का मुकाबला होगा...', GST दर में कटौती पर बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
Nirmala Sitharaman on GST Reforms: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। ये नई दरें 22 सितंबर से लागू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले का मुख्य उद्देश्य घरेलू मांग को बढ़ाना और आम लोगों को राहत देना है।
Nirmala Sitharaman on GST Reforms: उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा लाभ
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अब इस बात पर पूरा ध्यान देगी कि दरों में कटौती का सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिले। इसके लिए सरकार निगरानी रखेगी और सुनिश्चित करेगी कि व्यापारी और कंपनियां वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें घटाएं। उन्होंने यह भी बताया कि सभी उद्योग संगठन इस बात पर सहमत हैं कि आम जनता को इसका लाभ मिलना चाहिए।
Sitharaman on GST Reforms: सांसद निभाएंगे जमीनी निगरानी की भूमिका
सीतारमण ने बताया कि जीएसटी दरों में कटौती के बाद सांसदों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर देखें कि उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिल रहा है या नहीं। यह एक सतर्कता अभियान होगा जिसमें सरकार पूरी तरह से जुटी हुई है।
GST Reforms: रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा भारत
रूस से तेल आयात के सवाल पर वित्त मंत्री ने साफ किया कि भारत अपनी आर्थिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तेल की खरीद जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि कच्चा तेल भारत के लिए सबसे महंगा आयात है और इसे विदेशी मुद्रा में खरीदा जाता है। इसलिए भारत को सस्ती दरों पर जहां से भी तेल मिलेगा, वहाँ से खरीदना ज़रूरी है, चाहे वह रूस ही क्यों न हो।
अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव और समाधान
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत आयात शुल्क से भारत के निर्यात पर असर जरूर पड़ेगा, लेकिन जीएसटी दरों में कटौती से घरेलू मांग बढ़ेगी और इससे उस असर की भरपाई हो सकेगी। साथ ही, सरकार टैरिफ से प्रभावित व्यापारियों की मदद के लिए भी कदम उठाएगी।
GST 2.0 : आसान और स्पष्ट कर सिस्टम
सीतारमण ने बताया कि जीएसटी प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब आठ महीने पहले उनसे सुधारों पर विचार करने को कहा था। इसके तहत अब नई दो-स्तरीय कर प्रणाली लागू की जाएगी — 5% और 18% की दरों के साथ। पहले की 12% और 28% दरों को हटाया जा रहा है, जिससे ज्यादातर वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में कमी आएगी।
लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं पर 40% टैक्स
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि पान मसाला, तंबाकू, महंगी कारें, नौकाएं, निजी विमान जैसे विलासिता की चीजों पर अब 40% तक कर लगेगा। इससे कर प्रणाली में संतुलन बना रहेगा और राजस्व में भी कोई कमी नहीं आएगी।
MSME और स्टार्टअप को राहत
सरकार ने पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल किया है, रिटर्न दाखिल करना आसान किया गया है और रिफंड भी तेज़ी से मिलेगा। इससे खासतौर पर छोटे और मध्यम व्यवसायों (MSME) व स्टार्टअप्स को बड़ी राहत मिलेगी और उनका अनुपालन खर्च भी कम होगा।
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