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दिल्ली में सोनिया से मिलेंगे नीतीश और लालू, विपक्ष के लिए होगा यह दिन अहम

दिल्ली में विपक्षी एकता की जमीन तैयार करने के लिए रविवार का दिन अहम होने वाला है। जब से कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं और स्पष्ट रूप से कहा है कि भाजपा के खिलाफ बनने वाले किसी भी गठबंधन में कांग्रेस

12:54 AM Sep 25, 2022 IST | Desk Team

दिल्ली में विपक्षी एकता की जमीन तैयार करने के लिए रविवार का दिन अहम होने वाला है। जब से कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं और स्पष्ट रूप से कहा है कि भाजपा के खिलाफ बनने वाले किसी भी गठबंधन में कांग्रेस

दिल्ली में विपक्षी एकता की जमीन तैयार करने के लिए रविवार का दिन अहम होने वाला है। जब से कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं और स्पष्ट रूप से कहा है कि भाजपा के खिलाफ बनने वाले किसी भी गठबंधन में कांग्रेस शामिल होगी, उसके प्रयास तेज हो गए हैं। दूसरी ओर अब सबकी निगाहें नीतीश कुमार और लालू यादव पर भी टिकी हैं, क्योंकि ये दोनों नेता रविवार को सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली आ रहे हैं। इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल की बैठक में लालू यादव भी कह चुके हैं कि वह राहुल गांधी से भी मिलेंगे और बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए बड़े विपक्षी गठबंधन के लिए तैयारी करेंगे। 
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बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने लिए कांग्रेस जरूरी 
कुछ दिन पहले नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता के प्रयासों के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी नेता सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव और इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला से भी मुलाकात की थी। हर राज्य के अलग-अलग राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए कांग्रेस को एक साथ लाना और उसे महागठबंधन का हिस्सा बनाना निश्चित रूप से मुश्किल तो है, क्योंकि आम आदमी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति और तृणमूल कांग्रेस के अपने-अपने तर्क हैं और ये पार्टियां कांग्रेस को साथ लेने को तैयार नहीं हैं। लेकिन नीतीश कुमार का मानना ​​है कि कांग्रेस के बिना यह गठबंधन कारगर नहीं होगा और अगर बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकना है तो कांग्रेस को गठबंधन में शामिल करना होगा। 
बीजेपी को सत्ता से हटाना विपक्ष की पहली कोशिश 
वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन करके घाटे में चल रही थी, इसलिए अखिलेश यादव को भी फिलहाल इसकी तैयारी करना मुश्किल लग रहा था, लेकिन बने इस गठबंधन में राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को साथ लेकर चल रहे थे। अखिलेश को कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि पहली कोशिश 2024 के चुनाव में बीजेपी को सत्ता से हटाने की है। 
रविवार को होने वाली बैठकों पर विपक्ष की नज़र 
दूसरी ओर, सीपीआई महासचिव डी राजा और माकपा नेता सीताराम येचुरी का भी मानना ​​है कि यह समय उनकी महत्वाकांक्षाओं को क्षेत्रीय स्तर पर हावी होने का नहीं, बल्कि देश को संघ और भाजपा की सत्ता से मुक्त करने का है। रविवार को होने वाली बैठकों पर फिलहाल सभी विपक्षी दलों की नजर है और माना जा रहा है कि नीतीश कुमार और लालू यादव सोनिया गांधी के अलावा अन्य विपक्षी नेताओं के साथ बैठक की शुरुआत करेंगे और इन बैठकों का सिलसिला लगातार तेज करेंगे। 
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