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बीजेपी को हराने के लिए विपक्ष को एकजुट करेंगे नीतीश कुमार, सोमवार को आ रहे हैं दिल्ली

पटना में हुई जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक में स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं। नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट करेंगे। उन्हें इसके लिए जमीन तैयार करने और विभिन्न दलों के नेताओं से मिलने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने अधिकृत कि

04:13 AM Sep 05, 2022 IST | Desk Team

पटना में हुई जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक में स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं। नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट करेंगे। उन्हें इसके लिए जमीन तैयार करने और विभिन्न दलों के नेताओं से मिलने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने अधिकृत कि

पटना में हुई जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक में स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं। नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट करेंगे। उन्हें इसके लिए जमीन तैयार करने और विभिन्न दलों के नेताओं से मिलने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने अधिकृत किया था, जिसे रविवार को राष्ट्रीय परिषद ने मंजूरी दे दी। मालूम हो कि मुख्यमंत्री सोमवार को विभिन्न दलों के नेताओं से बात करने दिल्ली जाएंगे। 
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जदयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने प्रेस वार्ता कर यह जानकारी दी। कहा कि जदयू का मानना ​​है कि कांग्रेस और लेफ्ट के बिना बीजेपी से मजबूत लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती। इसलिए विपक्षी दलों को मतभेदों को खत्म कर एक साथ आना होगा। इसने यह भी कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव चाहते हैं कि भाजपा के खिलाफ बने गठबंधन में कांग्रेस को शामिल न किया जाए। त्यागी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने एक घंटे के संबोधन में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में एनडीए से अलग होने के कारणों के बारे में विस्तार से बताया। 
सीएम नीतीश ने कही बड़ी बात 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में एक सोची समझी साजिश के तहत लोजपा को एनडीए से अलग कर दिया। लोजपा के टिकट पर जदयू प्रत्याशी के खिलाफ भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव लड़ा। बीजेपी ने जदयू को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची। इससे जदयू को 2020 के चुनाव में सीटों का नुकसान हुआ था। केंद्र में जदयू को केवल एक मंत्री पद दिया गया था। जबकि बिहार से भाजपा के पांच नेता केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए। इसके बाद बीजेपी जदयू के सांसदों और विधायकों को तोड़ने में लगी थी। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्र सरकार सार्वजनिक उपक्रम पूंजीपतियों को बेचकर अपने चहेते उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है। 
सभी विपक्षी दल मिलकर लड़ें तो बड़ी कामयाबी : नीतीश
मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर सभी विपक्ष एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे तो बड़ी सफलता हासिल होगी। मैं संख्या के बारे में बात नहीं कर रहा हूँ। पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह अलग-अलग पार्टियों के नेताओं से मिलने दिल्ली जा रहे हैं। महागठबंधन में सात दल हैं, जिनमें से चार दिल्ली में हैं। इसके अलावा अन्य लोगों से भी बात करें। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से भी मुलाकात करेंगे। नीतीश कुमार पार्टी कार्यालय परिसर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। 
जदयू सदस्यता अभियान शुरू
जदयू का सदस्यता अभियान पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के दौरान शुरू हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे पहले पार्टी के सदस्य बने। उन्हें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सदस्य बनाया था। वहीं मुख्यमंत्री ने ललन सिंह को सदस्य बनाया। इस दौरान दोनों नेता 25-25 सदस्य बनाकर पार्टी के सक्रिय सदस्य बन गए। सदस्यता अभियान 8 नवंबर तक चलेगा। सांसद अनिल हेगड़े चुनाव अधिकारी बने।
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