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Repo Rate में कोई बदलाव नहीं; Loan नहीं होंगे महंगे, जानें RBI के अहम फैसले

आरबीआई ने ब्याज दरों में एक बार फिर कोई बदलाव नहीं किया है।

05:10 AM Dec 06, 2024 IST | Ranjan Kumar

आरबीआई ने ब्याज दरों में एक बार फिर कोई बदलाव नहीं किया है।

repo rate में कोई बदलाव नहीं  loan नहीं होंगे महंगे  जानें rbi के अहम फैसले

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 11वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों को 6.5% पर जस का तस रखा है। मतलब लोन महंगे नहीं होंगे। आपकी ईएमआई भी नहीं बढ़ेगी। आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं। बता दें, 4 दिसंबर मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग चल रही थी। इसमें लिए गए फैसलों की जानकारी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज दी। आरबीआई ने इससे पहले अक्टूबर में हुई बैठक में ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया था।

5 बार में 1.10 ब्याज दरें बढ़ाई गई थीं

बता दें, एमपीसी में 6 सदस्य हैं। इनमें से तीन केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास, डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजीव रंजन हैं। सरकार ने 01 अक्टूबर को कमेटी में राम सिंह, सौगत भट्टाचार्य, नागेश कुमार समेत तीन नए बाहरी सदस्य नियुक्त किए हैं। साल 2020 से रिजर्व बैंक ने 5 बार में 1.10% ब्याज दरें बढ़ाईं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कोरोना के दौरान दो बार ब्याज दरों में 0.40% की कटौती की। अगली 10 मीटिंग्स में केंद्रीय बैंक ने 5 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की। चार बार बदलाव नहीं किया गया। एक बार अगस्त 2022 में 0.50% की कटौती की। कोरोना संक्रमण काल से पहले 6 फरवरी 2020 को रेपो रेट 5.15% पर था।

महंगाई से लड़ने का हथियार है पॉलिसी रेट

किसी भी केंद्रीय बैंक के पास महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल पॉलिसी रेट के रूप में है। जब महंगाई बहुत अधिक होती है तो सेंट्रल बैंक पॉलिसी रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने का प्रयास करता है।

पॉलिसी रेट बढ़ने पर महंगा होता है कर्ज

पॉलिसी रेट अधिक होने पर बैंकों को आरबीआई से मिलने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है, जिससे डिमांड में कमी आती और महंगाई घट जाती है।

पॉलिसी रेट कम होने पर क्या फायदा?

ऐसे ही इकोनॉमी जब बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ानी पड़ती है। ऐसे में केंद्रीय बैंक पॉलिसी रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को आरबीआई से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है। ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है।

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Ranjan Kumar

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