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अविश्वास प्रस्ताव ने उड़ाई इमरान खान की नींद? कुर्सी पर आई बात तो जनता से मांग रहे साथ, पढ़ें पूरी खबर

अविश्वास प्रस्ताव से घबराये पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने 27 मार्च को इस्लामाबाद में सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के साथ खड़े होने के लिए आम लोगों से अपील की है।

04:22 PM Mar 17, 2022 IST | Desk Team

अविश्वास प्रस्ताव से घबराये पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने 27 मार्च को इस्लामाबाद में सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के साथ खड़े होने के लिए आम लोगों से अपील की है।

अविश्वास प्रस्ताव से घबराये पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने 27 मार्च को इस्लामाबाद में सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के साथ खड़े होने के लिए आम लोगों से अपील की है। समाचार पत्र डॉन की गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार खान ने सैदु शरीफ मैदान में एक सभा को संबोधित करते हुए लोगों से सरकार के पक्ष में समर्थन मांगा। इस सभा में खैबर पख्तूनवा के मुख्यमंत्री महमूद खान, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, सीनेटर फैजल जावेद, संचार मंत्री मुराद सैयद और स्वात के सभी सांसद उपस्थित थे।
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इस्लामोफोबिया को लेकर किया विपक्ष का घिराव 
खान ने दावा किया कि संयुक्त राष्ट्र में उनके प्रयासों के कारण इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने के लिए एक प्रस्ताव लाया गया जिसके तहत 15 मार्च को इस्लामोफोबिया के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के रुप में नामित किया गया। खान ने मौलाना फजलुर रहमान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि रहमान खुद को इस्लाम के चैंपियन होने का दावा करते हैं। दरअसल, उनमें कभी भी इस्लामोफोबिया के खिलाफ बोलने का साहस नहीं था।पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्रियों ने भी इसके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं की। वे लोग पश्चिमी देशों के गुलाम थे।
इमरान सरकार ने कोरोना महामारी से की पाकिस्तान की रक्षा? 
खान ने विपक्षियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने देश को लूटने और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को खत्म करने की कोशिश की, क्योंकि वे अपने खिलाफ भ्रष्टाचार की कार्यवाही से डरते थे। वे पैसों के बल पर जनप्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त जैसे असंवैधानिक कार्य की कोशिश में लगे हैं। प्रधानमंत्री ने चुनाव आयोग से कथित खरीद-फरोख्त के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने देश को कोरोना वायरस से केवल बचाया ही नहीं बल्कि अच्छी नीतियों और ठोस निर्णयों से अर्थव्यवस्था को भी बचाए रखा। जब कई देश मुद्रास्फीति का सामना कर रहे थे तब उनकी सरकार ने पेट्रोलियम और डीजल की कीमतों में 10 रुपये और बिजली की दरें पांच रुपये प्रति यूनिट तक सस्ती की थी।
27 मार्च को डी-चौक पर एक ‘विशाल जनसभा’ होगी आयोजित 
बता दें कि पीटीआई सरकार ने 27 मार्च को डी-चौक पर एक ‘विशाल जनसभा’ को आयोजित करने का एलान किया है और वह अपने इस फैसले पर अडिग है। जनसभा की व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। इमरान खान सरकार के खिलाफ संसद में पेश अविश्वास प्रस्ताव पर 27 मार्च को ही मतदान प्रस्तावित है।
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