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कोई भी देश युद्ध नहीं चाहता, इससे सिर्फ तबाही ही मिलती है: मंत्री हरपाल सिंह चीमा

सीजफायर से भारत-पाक तनाव में कमी: हरपाल सिंह चीमा

02:21 AM May 13, 2025 IST | IANS

सीजफायर से भारत-पाक तनाव में कमी: हरपाल सिंह चीमा

पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भारत-पाक संघर्ष विराम का स्वागत किया, युद्ध को तबाही का कारण बताते हुए इसे सराहनीय कदम माना। उन्होंने पंजाब के जल प्रबंधन और जीएसटी कर चोरी पर भी विचार व्यक्त किए, जिसमें 195 फर्जी कंपनियों पर कार्रवाई की गई।

पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि कोई भी देश युद्ध नहीं चाहता है, इसके परिणाम बहुत भयानक होते हैं। इसमें हमें सिर्फ तबाही ही मिलती है। सीजफायर के फैसले को सराहनीय बताते हुए चीमा ने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि दोनों देशों के बीच तनाव कम हुआ है। उल्लेखनीय है कि रविवार और सोमवार को सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति रही। पाकिस्तान की तरफ से हमले नहीं किए जा रहे हैं। समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) जल मुद्दे पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, “पंजाब ने हरियाणा और राजस्थान को उनके हक का पानी पहले ही दे दिया है और वे इसका इस्तेमाल भी कर चुके हैं। हालांकि राष्ट्रीय संकट के समय हमने राजस्थान को अतिरिक्त पानी दिया, जहां हमारी सेना का एक बड़ा हिस्सा काम कर रहा था। उन्होंने पंजाब के लोगों को देशभक्त बताते हुए कहा कि पंजाब के लोगों ने जरूरत के समय सेना का दिल से साथ दिया।”

पंजाब में कालाबाजारी रोकने के लिए मंत्रियों का सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा

जीएसटी और कर चोरी के मुद्दे पर हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि पंजाब में करीब 195 फर्जी कंपनियां पंजीकृत थीं, जिनमें से 126 केंद्रीय अधिकार क्षेत्र में थीं। उन्होंने बताया कि ये फर्म फर्जी बिलिंग और गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने में लगी हुई थीं। हमने इन सभी 195 फर्मों को ब्लॉक कर दिया है और 76 करोड़ रुपए की आईटीसी फ्रीज कर दी है। इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इनमें से ज्यादातर फर्म केंद्र के अधिकार क्षेत्र में पंजीकृत थीं।

उन्होंने कांग्रेस और भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब हम कार्रवाई कर रहे थे, तो कांग्रेस और भाजपा जैसी कुछ राजनीतिक पार्टियां उत्तेजित दिखीं। शायद इसलिए क्योंकि वे कर चोरी और फर्जी चालान में शामिल लोगों को बचाने की कोशिश कर रही थीं।

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