
व्यक्ति के जन्म से ही उसके भाग्य का लेखा जोखा काफी हद तक हाथ की रेखाओं मे छिपा होता है। ये रेखाएं क्या कहती है, इन में क्या लिखा है इसका ज्ञान ज्योतिष शास्त्र में मिलता है। जन्म लेने से पहले ही शिशु के हाथों में लकीरों का एक जाल सा बन जाता है। इनमें जीवन,जीवन, भाग्य, बुद्धि से लेकर व्यक्ति के जीवन में आने वाले उतार चढ़ाव बताने वाली तमाम रेखाएं होती हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे हाथ की रेखाएं हमारे भविष्य की ओर इशारा देती हैं। हर किसी को बड़ी उत्सुकता रहती है कि वह अपनी जिंदगी में कितनी धन-दौलत कमाएंगे। वह कभी अमीर बनेंगे भी या नहीं। हाथ की कई रेखाओं को पढ़कर जाना जा सकता है कि आप अमीर बनेंगे या नहीं।
हाथ की हर रेखा में महत्वपूर्ण संकेत छिपा होता है। हमारे हाथ में एक रेखा ऐसी भी होती है जो हमें हर मुसीबत से बचाती है, इसे मंगल रेखा कहते हैं।जीवन रेखा के साथ मंगल और शुक्र पर्वत पर एक सीधी रेखा चलती है। इसे मंगल रेखा कहते हैं।मंगल रेखा जीवन रेखा की सहयोगी रेखा होती है। जीवन में आने वाले अवरोधों को सहने की शक्ति देती है।

ऐसे व्यक्ति की आंतरिक शक्ति अत्यधिक बढ़ जाती है। ऐसे लोगों को आत्मबल अधिक होता है। इस तरह के लोग बहुत अधिक परिश्रमी होते हैं। इनकी लगातार परिश्रम करने की शक्ति ही इन्हें सफल बनाती है। मंगल रेखा जितनी अधिक लंबी होती है उतनी अधिक प्रभावशाली होती है। कई लोगों के हाथों में तो जीवन रेखा से मजबूत मंगल रेखा होती है।