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पिछले 21 सालों से कोई नहीं आया इस पार्क में, झूलों में लगी जंग, सुंदर से बना खौफनाक, वजह हैरान कर देगी

11:38 AM Sep 24, 2023 IST | Khushboo Sharma
पिछले 21 सालों से कोई नहीं आया इस पार्क में  झूलों में लगी जंग  सुंदर से बना खौफनाक  वजह हैरान कर देगी

जर्मनी की राजधानी बर्लिन में एक पार्क है जो पिछले 21 साल से बंद है। स्प्रीपार्क (Spreepark) के नाम से इस पार्क को जाना जाता है। आपको बता दें कि पहले यह एक एम्यूजमेंट पार्क था। लेकिन बहुत समय से खाली रहने की वजह से ये अब देखने में बेहद डरावना लगता है।

फिलहाल इसके बड़े-बड़े झूलों में जंग लग चुकी है। डायनासोर जैसे जानवरों के पुतले सड़ चुके हैं। तो आज हम आपको बताते है कि आखिर क्या वजह थी जो इस पार्क को इस हालत में छोड़ दिया गया और अब ये इतना खौफनाक दिखता है।

आखिर क्या वजह है पार्क के बंद होने के पीछे?

एक रिपोर्ट के मुताबिक इस पार्क में एक समय ऐसा था जब हजारों लोग यहां आया करते थे। लेकिन नशीली दवाओं के एक चौंकाने वाले भंडाफोड़ के बाद, इसे छोड़ दिया गया और तब से यह सड़ रहा है। स्प्री नदी के किनारे बने इस बर्लिन पार्क में आप अभी भी "फेरिस व्हील" झूला, स्प्रीब्लिट्ज़, स्वान राइड और डायनासोर के खिलौने देखने को मिल सकते हैं।

1969 में हुई इस पार्क की ओपनिंग

कल्टुरपार्क प्लांटरवाल्ड इस स्थान का पिछला नाम था। 1970 के दशक में यह पार्क अपने आकर्षण के चर्म पर पहुंच गया था। इस पार्क में अक्सर बड़ी संख्या में लोग आते थे। उस समय पूर्वी जर्मनी के साम्यवादी प्रशासन के तहत, इस पार्क को बहुत अच्छे हालातों में रखा गया और इसकी बहुत देखभाल भी की गई।

नॉर्बर्ट विट्टे ने पार्क पर जमाया अपना कब्ज़ा

एक सनकी मनोरंजन पार्क के मालिक नॉर्बर्ट विट्टे ने 1991 में बर्लिन की दीवार गिरने के बाद इस पर अपना कब्ज़ा कर लिया। उन्होंने इसका नाम कल्टुरपार्क प्लांटरवाल्ड से स्प्रीपार्क रखा। जैसे-जैसे अन्य मनोरंजन पार्क बढ़ते गए। इसे सरकार द्वारा वित्त कम दिया जाने लगा। इसके अलावा कम पर्यटक स्प्रीपार्क की तरफ आने लगे।

2002 में पार्क हुआ बंद

नॉर्बर्ट विट्टे और उनकी पत्नी पिया को उम्मीद थी कि वे पार्क के आकर्षणों को एक नया लुक देंगे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। पार्क की थीम को रोमांचक बनाने के लिए उन्होंने काफी मेहनत भी की लेकिन फिर भी उनकी ये उम्मीद पूरी नहीं हुई। बुरा समय तब शुरू हुआ जब नॉर्बर्ट विट्टे को नशीली दवाओं की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उन्हें और उनके बेटे को 167 किलोग्राम ड्रग्स की तस्करी के प्रयास के आरोप में हिरासत में लिया गया था। स्प्रीपार्क को आखिरकार 2002 में फिर बंद ही कर दिया गया।

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Khushboo Sharma

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