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पंजाब में किसी को भी फिरकू पता नहीं खेलने दिया जाएंगा : डीजीपी

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04:25 PM Nov 10, 2017 IST | Desk Team

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लुधियाना-मोगा : पंजाब पुलिस द्वारा आतंकवादियों और गैंगस्टरों के मक्कडजाल को धवस्त करने की रणनीति के तहत एक नई व्यू रचना रचाई गई है और गैंगस्टरों व शक्की कटरपंथियों की गर्दनें नपने के लिए पंजाब पुलिस प्रमुख ने अपने विश्वसनीय और योगय अधिकारियों समेत पुलिस मुलाजिमों की एक विशेष टीम तैनात की है और उसी के भरोसे पंजाब में पकडो-पकडाई का खेल शुरू हो चुका है।

इसमें और तह तक जाने के लिए पुलिस ने नाभा जेल ब्रेक में शामिल रहे आतंकी हरमिंदर सिंह मिंटू को प्रोडेक्शन वारंट पर मोगा लाया गया और गगनेजा की हत्या करने वाले आरोपियों के सामने उनकी पूछताछ की है। असल में जालंधर में हिंदु नेता जगदीश गगनेजा की हत्या करने वाले आरोपियों से पूछताछ दौरान कुछ तार खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स के साथ जुड़ रहे थे। मामले की तय तक जाने व गैंगस्टरों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करते हुए अधिक से अधिक सबूत इक_ा कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। बीते दिनों हिंदु नेताओं की हत्या के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ हो सकता है, लेकिन हत्याओं को अंजाम देने के लिए गैंगस्टर ही मोहरे बने है ।

बताया जाता है कि डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने सीआईए स्टाफ में करीब 5-6 घंटे से अधिक समय गुजारा। सीआईए स्टाफ से बाहर आने के बाद उन्होंने बताया कि गैंगस्टर कल्चर को खत्म करने के लिए उन्होंने स्पेशल रणनीति तैयार की है। कानून में किसी तरह के बदलाव की संभावना से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस हरेक गैंगस्टर का प्रोफाइल तैयार कर चुकी है। गैंगस्टरों की हरकत पर पुलिस के स्पेशल सैल की लगातार नजर है। जैसे ही कोई गैंगस्टर अपने बिल से बाहर निकलेगा उसे तुरंत दबोच लिया जाएगा। अब पुलिस के हाथ आने वाले गैंगस्टरों के खिलाफ पुलिस इतने सबूत इक_ा करेगी कि अदालतें आरोपियों को अधिक से अधिक सजा सुना सकें। किसी भी गैंगस्टर का नाम लिए बिना डीजीपी ने कहा कि मोगा में वह अपनी फोर्स का मनोबल बढ़ाने के लिए आए थे। उन्होंने कहा कि बीते दिनों हिंदु नेताओं की हत्याओं को अंजाम देने वाले दिन आरोपियों को अभी तक पकड़ा गया है, उस संयुक्त जांच में मोगा पुिलस की अहम भूमिका रही है। यही कारण है कि वह आज मोगा पुिलस का मनोबल बढ़ाने मोगा पहुंचे। उधर विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि काउंटर इंटेलीजेंसी के पास कुछ विशेष व्यक्तियों के नाम और उनके मोबाइल नंबर हाथ लगे थे। जगदीश गगनेजा की हत्या करने वा ले आरोध्म धर्र्मेंदर गुगनी से प्राप्त हुए फोन नंबरों को खंगालने के बाद एक नंबर उस व्यक्ति के साथ मिला, जिसने खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स के आतंकी हरमिंदर मिंटू की नाभा जेल ब्रेक के बाद दिल्ली के नजामूद्दीन रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के लिए मदद की थी।

इस कड़ी के जुडऩे के बाद पुिलस ने नाभा की अतिरिक्त सुरक्षा वाली जेल में बंद आतंकी हरमिंदर सिंह मिंटू को प्रोडेक्शन वारंट पर हासिल कर बुधवार को उसे मोगा लाया गया। मोगा के सीआईए स्टाफ में आतंकी मिंटू और पहले गगनेजा हत्या मामले में पकड़े गए आरोपी के सामने पूछताछ की। सूत्रों अनुसार डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने भी आरोपियों से कुछ सवाल किए, लेकिन जांच प्रभावित होने का हवाला देकर उनके जवाब नहीं बताए गए। …राजस्थान में बना रखे हैं ठिकाने पंजाब में वारदात के बाद से गैंगस्टर राजस्थान की ओर फरार होते रहे हैं, यो खुलासा गैंगस्टरों से पूछताछ में मोगा पुलिस ने कियाहै। हालांकि कोई भी पुलिस अधिकारी इस जानकारी की पुष्टि करने को तैयार नहीं है, क्योंकि डीजीपी सुरेश अरोड़ा द्वारा आदेश जारी किया गया है कि जांच पूरा होने से पहले कोई भी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी किसी गैंगस्टरों से जुड़ी कोई भी जानकारी मीडिया को नहीं देगा। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि पंजाब में बीते दिनों धर्म के नाम पर जो भी हत्याएं हुई, उसके बाद उनके हत्यारों ने राजस्थान को अपना ठिकाना बनाया है। कुछ दिन पहले ही राजस्थान से कोई गुप्त जानकारी पुलिस के काउंटर इंटेलीजेंस के पास पहुंची।

इंटेलीजेंसी ने अपना काम शुरू किया तो जांच में आरोपी अलग-अलग ग्रुपों के गैंगस्टर निकले। इस समय पुिलस को बरनाला के एक बाबा नामक गैंगस्टर की भी तलाश है। बेशक हिंदु नेताओं की हत्याओं के पीछे पाकिस्तान में छिपे बैठे खालिस्तानी समर्थकों या आईएसआई का हाथ है, लेकिन हत्याएं करवाने में इस बार गैंगस्टरों का प्रयोग किया गया है या यूं कहें कि गैगस्टरों ने सुपारी किलर के रूप में काम किया है। …सुरक्षा व्यवस्था का रहा खास इंतजाम नाभा से मोगा तक के रूट में आने वाले सभी स्टेशनों की पुलिस को मंगलवार रात से ही अलर्ट पर रखा गया था। बुधवार दोपहर करीब 12:55 पर डीजीपी सुरेश अरोड़ा मोगा के सीआईए स्टाफ पहुंचे। दोपहर का खाना भी उन्होंने सीआईए में ही लिया। जिला पुलिस के सभी अधिकारी सीआईए में उपस्थित थे। लुधियाना से लेकर मोगा की सडक़ पर सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए थे। 65 किलोमीटर लंबी इस सडक़ पर चार पुलिस नाके स्थापित किए गए थे। सीआईए स्टाफ को चारों और से पूरी तरह से सील किया गया है।

– सुनीलराय कामरेड

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