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सरहद पार सिख आगुओं का दावा, ‘ नहीं हुआ पाकिस्तान में कोई धर्म परिवर्तन '

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02:22 PM Dec 23, 2017 IST | Desk Team

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लुधियाना  : पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के एक विशेष इलाके में हो रहे सिखों के धर्म परिर्वतन के मुद्दे को लेकर पंजाब के सियासी और धार्मिक नेताओं में आपसी होड़ सी मची हुई है। सिखों की संघर्षशील निहंग संस्था दमदमी टकसाल समेत शिरोमणि अकाली दल व पंजाब कांग्रेस ने भी दिल्ली में केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात करके सरहद पार हो रहे सिखों को जब्री धर्म परिवर्तन के लिए विवश करने की शिकायत करते हुए वहां बसने वाले सिख बाशिंदों के हितों की रक्षा करने की दुहाई देते हुए केंद्र सरकार को तुरंत कदम उठाने की मांग की है।

जबकि उधर, पाकिस्तान में सिख नेताओं ने स्पष्ट किया कि वहां किसी सिख का नहीं हुआ धर्म परिवर्तन। यह वक्तव्य बकायदा सोशल मीडिया पर डालकर खंडन किया है। सिख आगुओं का यह भी कहना था कि पाकिस्तान में सिखों को पूरा मान सम्मान और सत्कार मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि सिख व मुस्लिम एक दूसरे के दुख-सुख में सांझीदार है। पाकिस्तान में सिखों को जब्री धर्म परिवर्तन से पाकिस्तानी सिख नेताओं ने किनारा करते हुए कहा कि यह सब सोची समझी साजिश अधीन सियासी रोटियां सेंकने के लिए मुद्दा उछाला जा रहा है।

सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के चेयरमैन तारा सिंह ने भी खबरों को बेबुनियाद बताया। उनका यह भी कहना था कि सोशल मीडिया पर अपलोड करके जो वीडियो दिखाई जा रही है, वह निराधार है। उनके अनुसार जिस इलाके में हुई घटना का जिक्र किया गया है, वहां ऐसी कोई धर्म परिवर्तन की घटना नहीं घटी। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय स्तर पर एडीसी हंगा द्वारा जो सिख भाईचारे के साथ बुरा बर्ताव की घटना हुई थी, उस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए जिम्मेदार अधिकारी को बर्खास्त कर दिया है और इस पर तुरंत जांच कमेटी गठित की गई है।

उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान में जब भी बाहर से सिख श्रद्धालु गुरूधामों के दर्शन करने के लिए आते है, वहां के सिखों की उन्नति को देखकर निहाल होते है और पाकिस्तान की सरकार ने 60-70 सालों के दौरान जो एतिहासिक गुरूद्वारे बंद पडे थे, उनको भी दोबारा मुरम्मत करके सिखों को धार्मिक आजादी बखशी है। इस प्रकार गुरूद्वारा भाई जोगा सिंह पेशावर के पंज प्यारों में से भाई अमरजीत ङ्क्षसह ने कहा है कि हंगु फत्ता स्थित एक अधिकारी द्वारा सिख भाईचारे के साथ बुरा बर्ताव किया था। उसको सरकार ने सस्पैंड कर दिया है। लेकिन उन्होंने कहा कि यहां पर कोई भी जब्री धर्म परिवर्तन की घटना नहीं घटित हुई। उन्होंने इसको सजिशन करार देते हुए कहा कि यह सिख और मुस्लिम धर्म में गलत प्रचार हो रहा है।

उन्होंने कहा कि सिखों का पाकिस्तान में मुस्लिम समाज पूरा सत्कार करता है और दोनों एक दूसरे के दुख-सुख में शामिल रहते है। उन्होंने कहा कि ऐसे दुष्प्रचार को झूठ का पुलिंदा बताते हुए इसकी निंदा की। पाकिस्तान की प्रमुख सिख संस्थाओं द्वारा किसी भी सिख का जब्री धर्म परिवर्तन की घटना को खारिज करके भारत की बेवजह चिंताओं का खंडन किया जा रहा है। हालांकि इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमिश्नर से मिलकर सिखों के जब्री धर्म परिवर्तन का मुद्दा उठाया था। जबकि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने भी केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट जरिये सिखों को धर्म परिवर्तन के लिए विवश करने संबंधी पाक के सिखों में पाये जा रहे डर को दूर करने की अपील की थी।

सुषमा स्वराज द्वारा यह मामला पाक हुक्मरानों के समक्ष उठाने का भरोसा भी दिलाया। इस दौरान पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड एमपी ने भी इस मुद्दे पर भारत सरकार को जरूरी कदम उठाने का कहा है। जाखड ने कहा कि अगर इस मामले में जरूरी कार्रवाई न की गई और पडोसी मुल्क पर दबाव न डाला गया तो पाकिस्तान में रह रहे सिख समुदाय के लिए आने वाला वक्त और भी भयंकर हो सकता है।

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– सुनीलराय कामरेड

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