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हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए तीन वैज्ञानिकों को नोबेल चिकित्सा पुरस्कार

अमेरिकी वैज्ञानिक हार्वे जे आल्टर और चार्ल्स एम राइस तथा ब्रिटिश विज्ञानी माइकल हफटन को हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए सोमवार को चिकित्सा के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है।

06:58 PM Oct 05, 2020 IST | Ujjwal Jain

अमेरिकी वैज्ञानिक हार्वे जे आल्टर और चार्ल्स एम राइस तथा ब्रिटिश विज्ञानी माइकल हफटन को हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए सोमवार को चिकित्सा के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है।

अमेरिकी वैज्ञानिक हार्वे जे आल्टर और चार्ल्स एम राइस तथा ब्रिटिश विज्ञानी माइकल हफटन को हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए सोमवार को चिकित्सा के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। 
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नोबेल पुरस्कार समिति ने सोमवार को स्टाकहोम में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि तीनों वैज्ञानिकों के अनुसंधान में रक्त से होने वाले हेपेटाइटिस संक्रमण के प्रमुख स्रोत का पता चला जिसके बारे में पहले खोजे गये हेपेटाइटिस ए और बी बिषाणुओं द्वारा पता नहीं चल सका था। समिति ने कहा कि 1970 और 1980 के दशकों में किये गये उनके अनुसंधान कार्य से लाखों लोगों की जान बचाने में मदद मिली। 
नोबेल समिति के अनुसार, ‘‘उनकी खोज का परिणाम है कि आज वायरस के लिए अत्यंत सटीक परिणाम देने वाली खून जांच उपलब्ध है और इससे दुनियाभर के अनेक हिस्सों में रक्त चढ़ाने के कारण हेपेटाइटिस संक्रमण को रोका जा सका है और वैश्विक रूप से स्वास्थ्य संबंधी व्यापक सुधार हुआ है।उनकी खोज से हेपेटाइटिस सी के लिए एंटीवायरल दवा के त्वरित विकास की दिशा में भी काम हुआ है। इतिहास में पहली बार अब रोग का उपचार किया जा सकता है जिससे दुनियाभर से हेपेटाइटिस सी वायरस के उन्मूलन की उम्मीदें बढ़ी हैं।’’ 
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आकलन के अनुसार दुनियाभर में हेपेटाइिटस के सात करोड़ से अधिक मामले हैं और हर साल इससे चार लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है। यह बीमारी गंभीर है और इससे यकृत कैंसर और सिरोसिस हो सकता है जिसमें यकृत प्रतिरोपण करना जरूरी हो जाता है। 
इस साल कोरोना वायरस महामारी के कारण चिकित्सा क्षेत्र के पुरस्कार का विशेष महत्व है जिसके कारण दुनियाभर के समाजों और अर्थव्यवस्थाओं के लिए चिकित्सा अनुसंधान की अहमियत रेखांकित हुई है। नोबेल समिति के सदस्य पैट्रिक एर्नफोर्स ने इस साल के पुरस्कार और कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए दुनियाभर में लाखों वैज्ञानिकों के प्रयासों के बीच कड़ी जोड़ने का प्रयास किया। 
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सबसे पहली चीज तो यह है कि आपको वायरस की पहचान करनी होती है। और ऐसा हो जाता है तो यह अपने आप में बीमारी के इलाज के लिए दवा के विकास तथा टीके के विकास के लिए भी शुरुआती बिंदु है।’’ 
हेपेटाइटिस ए जहां खानपान या पानी से फैलता है और इससे होने वाला गंभीर संक्रमण कुछ सप्ताह तक चल सकता है। वहीं हेपेटाइटिस बी और सी का संक्रमण रक्त से होता है। नोबेल समिति के सदस्य नील्स-गोरन लार्सन ने कहा, ‘‘हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज से पहले खून चढ़ाना रूसी रूले गेम की तरह होता था।’’ 
रूसी रूले एक घातक खेल है जिसमें एक खिलाड़ी रिवॉल्वर में एक चक्कर लगाता है, सिलेंडर को घुमाता है, हथियार की नली को अपने सिर पर रखता है, और ट्रिगर को इस उम्मीद में खींचता है कि लोड किया गया चैम्बर, चोट करने वाले प्राथमिक तंत्र और बैरल की सीध में नहीं आए। 
प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार में स्वर्ण पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्रोनोर (11,18,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक) की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है। पुरस्कार की शुरुआत 124 साल पहले स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल ने की थी। इसके अलावा हर वर्ष भौतिकी, रसायनशास्त्र, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
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