नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए..." शराब घोटाले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बयान
आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। मोहाली में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने दावा किया कि उन्हें "नोबेल पुरस्कार" मिलना चाहिए, क्योंकि उन्होंने उपराज्यपाल जैसी बाधाओं के बावजूद दिल्ली में सफलतापूर्वक शासन किया।
यह बयान उन्होंने पार्टी नेता जैस्मीन शाह की पुस्तक 'केजरीवाल मॉडल' के पंजाबी संस्करण के विमोचन के दौरान दिया। केजरीवाल ने चुटकी लेते हुए कहा, "जब तक दिल्ली में हमारी सरकार थी, हमें हर कदम पर रोका गया, फिर भी हमने शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली-पानी जैसे क्षेत्रों में काम किया। इतनी दिक्कतों के बावजूद काम किया, इसलिए मुझे तो शासन में नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए।"
शराब घोटाले के साए में बयान
गौरतलब है कि केजरीवाल खुद इस समय विवादों में हैं। दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें और आप के वरिष्ठ नेताओं मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को आरोपी बनाया है। आरोप है कि इन नेताओं ने नीति में संशोधन कर लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया। यह नीति नवंबर 2021 में लागू की गई थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सितंबर 2022 में रद्द कर दी गई।
भाजपा पर तीखा प्रहार
अपने भाषण के दौरान केजरीवाल ने भाजपा पर भी सीधा हमला किया। उन्होंने कहा, “न तो भाजपा खुद कुछ करना चाहती है, न ही किसी और को काम करने देती है। हमने दिल्ली में सरकारी स्कूल और अस्पतालों को सुधारकर दिखाया, लेकिन भाजपा का मकसद बस काम में रोड़े अटकाना रहा है।”
"मॉडल बनाना था, सत्ता की भूख नहीं थी"
केजरीवाल ने कहा कि उन्हें हर चुनाव जीतने की लालसा नहीं थी, बल्कि वे बस यह साबित करना चाहते थे कि सरकारी संस्थान भी विश्वस्तरीय बन सकते हैं। उन्होंने कहा, “मैंने बतौर कार्यकर्ता आरटीआई पर काम कर मैग्सेसे पुरस्कार जीता था, और बतौर राजनेता मैंने एक कार्य मॉडल तैयार किया — और वह काम कर गया।”
दिल्ली से पंजाब तक 'आप' की रणनीति
पिछले कुछ महीनों से अरविंद केजरीवाल का ध्यान पंजाब की राजनीति पर अधिक केंद्रित रहा है। वहां 2022 में भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने भारी बहुमत से सरकार बनाई थी। जबकि दिल्ली में उनके बाद सत्ता भाजपा के हाथों में गई, जहां सीएम बनीं रेखा गुप्ता लगातार केजरीवाल और आप सरकार को “भ्रांतिपूर्ण मॉडल” कहकर घेरती रही हैं। केजरीवाल का नोबेल पुरस्कार वाला बयान जहां समर्थकों के लिए आत्मविश्वास का प्रतीक है, वहीं विरोधियों के लिए यह एक और विवादास्पद टिप्पणी बन गया है। शराब घोटाले में जांच जारी है और अब यह देखना बाकी है कि 'आप' के खिलाफ ये आरोप उनके राजनीतिक भविष्य पर कितना असर डालते हैं।