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कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर नोएडा प्रशासन ने शुरू की तैयारियां

कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका के चलते जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स अस्पताल सहित विभिन्न अस्पतालों में इसे लेकर बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है।

10:17 AM May 22, 2021 IST | Desk Team

कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका के चलते जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स अस्पताल सहित विभिन्न अस्पतालों में इसे लेकर बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है।

कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका के चलते जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स अस्पताल सहित विभिन्न अस्पतालों में इसे लेकर बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है। कोरोना वायरस की मौजूदा लहर की रफ्तार धीमी पड़ने के बाद अब यहां के अस्पतालों में बिस्तरों और ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ गई है। कई अस्पतालों में आईसीयू तथा वेंटीलेटर बेड अब खाली हैं।
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ग्रेटर नोएडा स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के निदेशक ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) डॉक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि वायरस की तीसरी लहर आने की आशंका के मद्देनजर जिम्स में 100 बेड तैयार किए जा रहे हैं। यह सुविधा जल्द शुरू हो जाएगी। इसमें आईसीयू, एचडीयू व नॉर्मल बेड शामिल होंगे।
पहले से तैयारियां न होने के कारण मौजूदा लहर में ऑक्सीजन और दवाइयों को लेकर भारी संकट देखने को मिला। अस्पतालों में बिस्तर न मिल पाने की वजह से गंभीर रूप से बीमार कई मरीजों की जान चली गई। इन्हीं सब मुश्किलों से सबक लेते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने आशंकित तीसरी लहर में बच्चों के अधिक प्रभावित होने के मद्देनजर मेडिकल कॉलेज और राजकीय चिकित्सालय को 100-100 बेड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
चाइल्ड पीजीआई नोएडा के एमएस आकाश राजन ने बताया कि संस्थान में अभी 10 पीडियाट्रिक आईसीयू की सुविधा है। इसे बढ़ाकर 100 बेड किया जा रहा है। नॉलेज पार्क के शारदा अस्पताल में भी बच्चों के लिहाज से 160 बेड की व्यवस्था की गई है।
अस्पताल के जनसंपर्क निदेशक अजीत कुमार ने बताया कि 20 नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू), 20 बाल चिकित्सा गहन देखभाल इकाई, 20 बेड की सुविधा हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) में होगी। वहीं कोविड-19 से उबरने के बाद की समस्याओं का सामना करने वाले मरीजों के लिए 10 बेड का वार्ड तैयार किया गया है और इसकी क्षमता बढ़ाकर 30 करने के भी प्रयास जारी हैं।

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