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नोएडा अथॉरिटी की बड़ी कार्रवाई, तीन बिल्डरों के खिलाफ वसूली के लिए जिला प्रशासन को भेजा पत्र

01:59 AM Sep 05, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat
नोएडा अथॉरिटी की बड़ी कार्रवाई  तीन बिल्डरों के खिलाफ वसूली के लिए जिला प्रशासन को भेजा पत्र
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नोएडा प्राधिकरण ने रियल एस्टेट कंपनियों पर बकाया राशि वसूलने की दिशा में बड़ी कार्रवाई की है। अथॉरिटी ने तीन बड़े बिल्डरों के खिलाफ जिला प्रशासन को रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी कर बकाया वसूलने के लिए पत्र लिखा है। इसमें सेक्टर-78 स्थित महागुण रियल स्टेट और सेक्टर-77 व सेक्टर-120 स्थित प्रतीक रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इन तीनों प्रोजेक्ट्स पर कुल 353.41 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। जानकारी के मुताबिक, सेक्टर-78 में जीएच-2 भूखंड महागुण रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड को 18 अप्रैल 2010 को आवंटित किया गया था। 18 मई 2010 को पट्टा प्रलेख निष्पादित कर कब्जा भी दे दिया गया, लेकिन बार-बार नोटिस देने के बावजूद बिल्डर ने देय राशि जमा नहीं की।

जिला प्रशासन को भेजा पत्र

कोविड-19 काल के दौरान शासनादेश दिनांक 21 दिसंबर 2023 के तहत गणना कर 25 प्रतिशत धनराशि जमा कराने का अवसर भी दिया गया, लेकिन फिर भी भुगतान नहीं हुआ। ऐसे में 31 अगस्त 2025 तक 116.96 करोड़ रुपये बकाया मानते हुए 4 सितंबर को जिला प्रशासन को भू-राजस्व की भांति वसूली करने के लिए पत्र भेजा गया। इसी तरह, सेक्टर-77 के जीएच-1 भूखंड पर प्रतीक रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड को 31 मार्च 2010 को आवंटन दिया गया था। 26 मई 2010 को कब्जा भी सौंपा गया। नोटिस देने और कोविड-19 लाभ का अवसर देने के बावजूद भुगतान नहीं हुआ।

बिल्डरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

इस भूखंड पर 31 अगस्त 2025 तक 162.27 करोड़ रुपये बकाया हो गए। तीसरा मामला सेक्टर-120 के जीएच-1 भूखंड का है, जिसे 10 दिसंबर 2009 को प्रतीक रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम आवंटित किया गया था। 7 जनवरी 2010 को कब्जा देने के बाद से अब तक भुगतान नहीं किया गया। इस भूखंड पर 74.18 करोड़ रुपये की बकाया राशि है। नोएडा अथॉरिटी ने साफ किया है कि समय-समय पर नोटिस और अवसर देने के बावजूद भुगतान न करने वाले बिल्डरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब इन तीनों भूखंडों के खिलाफ जिला प्रशासन वसूली की कार्रवाई भू-राजस्व की तरह करेगा। प्राधिकरण की यह पहल उन हजारों घर खरीदारों के लिए राहत की उम्मीद जगाती है, जो लंबे समय से बिल्डरों की मनमानी से परेशान हैं।

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Rahul Kumar Rawat

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