नोएडा: अविवाहित किराएदारों को मकान खाली करने का आदेश, सोसायटी ने क्यों जारी किया ये फरमान?
नोएडा की एक एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (Apartment Owners Association) ने सोसायटी में रहने वाले अविवाहित किराएदारों को 31 दिसंबर तक मकान खाली करने का आदेश दिया है।
11:53 AM Dec 06, 2022 IST | Desk Team
नोएडा की एक एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (Apartment Owners Association) ने सोसायटी में रहने वाले अविवाहित किराएदारों को 31 दिसंबर तक मकान खाली करने का आदेश दिया है। हालांकि किराएदार ही नहीं, मकान मालिक भी इसका विरोध कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने 15 नवंबर को ईमेल के माध्यम से जारी इस नोटिस के कारण महिलाओं को हो रही परेशानी का स्वत: संज्ञान लेते हुए एओए के अधिकारियों से फोन पर बात की है।
बाथम ने आगे कहा कि इस तरह के आदेश से सोसायटी में रहने वाली लड़कियों और छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एओए के अधिकारियों से बात कर इस मामले को सुलझा लिया जाएगा। लड़कियां तुरंत मकान खाली करने का नोटिस देकर कहां जाएंगी। मामला बेहद संवेदनशील है, इस पर दोनों पक्षों को गंभीरता से विचार करने की जरुरत है ।
31 दिसंबर तक सोसाइटी को खली कर दें
आपको बता दें की सोसायटी के एओए अध्यक्ष उदयभान सिंह तेवतिया ने 15 नवंबर को ईमेल के जरिए जारी किया था। उन्होंने नोटिस में कहा था कि सोसाइटी में किराए पर रहने वाले अविवाहित लड़के-लड़कियां नियमों का उल्लंघन करते हैं, इसलिए पेइंग गेस्ट (paying guest) और छात्र 31 दिसंबर तक सोसाइटी को खली कर दें ।
एओए अध्यक्ष उदयभान सिंह तेवतिया ने कहा, ”लड़के और लड़कियां सामूहिक रूप से फ्लैट में रहते हैं। वे नियमों का उल्लंघन करते हैं और यह भी कहा जा रहा है कि उन घरों से अनैतिक गतिविधियां संचालित की जाती हैं, जिसका समाज पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए नोटिस जारी कर उन्हें 31 दिसंबर तक सोसायटी छोड़ने का आदेश दिया गया है।
शिकायतों पर एओए द्वारा कोई कार्रवाई नहीं
उसी सोसायटी में किराए पर रहने वाली छात्रा प्रिया ने बताया कि यहां करीब 10 फ्लैट में 30 छात्राओं समेत करीब 40 छात्राएं रहती हैं, जो विभिन्न कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं। सोसाइटी में किराए पर रहने वाले छात्रों का आरोप है कि उनके मेहमानों के आने पर सुरक्षाकर्मी उन्हें सोसाइटी में घुसने से रोकते हैं। उनका कहना है कि कारण पूछने पर कहा जाता है कि सोसाइटी में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित है। उनका आरोप है कि कई बार छात्रों के अभिभावकों को भी रोका गया है और इस संबंध में शिकायतों पर एओए द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
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