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आर्थिक सर्वेक्षण में रंग बिरंगे ग्राफ के सिवा कुछ नहीं : कांग्रेस

कांग्रेस ने आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर सरकार पर हमला करते हुए शुक्रवार को कहा कि इसमें गढ़ गये नये शब्द पिरोने, अपने काम की खुद तरीफ के पुल बांधने और कुछ अच्छे रंग बिरंगे ग्राफ के अलावा देश के मौजूदा आर्थिक हालात को लेकर कुछ नहीं कहा गया है।

06:30 PM Jan 31, 2020 IST | Shera Rajput

कांग्रेस ने आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर सरकार पर हमला करते हुए शुक्रवार को कहा कि इसमें गढ़ गये नये शब्द पिरोने, अपने काम की खुद तरीफ के पुल बांधने और कुछ अच्छे रंग बिरंगे ग्राफ के अलावा देश के मौजूदा आर्थिक हालात को लेकर कुछ नहीं कहा गया है।

कांग्रेस ने आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर सरकार पर हमला करते हुए शुक्रवार को कहा कि इसमें गढ़ गये नये शब्द पिरोने, अपने काम की खुद तरीफ के पुल बांधने और कुछ अच्छे रंग बिरंगे ग्राफ के अलावा देश के मौजूदा आर्थिक हालात को लेकर कुछ नहीं कहा गया है। 
कांग्रेस प्रवक्ता प्रोफेसर गौरभ वल्लभ ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में आर्थिक हालात को लेकर कोई सरोकार नजर नहीं आते है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को जब 2020-21 का बजट पेश करेंगी तो उनके बजट भाषण की शुरुआत 45 साल की सबसे बड़ बेरोजगारी से शुरू होकर इस समस्या के समाधान के लिए उठाए जाने के उपायों पर भी बात करेंगी। 
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी तो अब प्रमुख समस्या है इसको कैसे खत्म किया जाना है इस बारे में बताने के साथ ही यह भी उम्मीद रहेगी कि वह 47 साल की ग्रामीण खपत में आए ठहराव को खत्म करने, विनिर्माण गतिविधियों को बढाने के उपायों के बारे में भी बात करेंगे। 
प्रवक्ता ने कहा कि इस बार ‘थालीनॉमिक्स’ की बात की गयी है। यह नया शब्द ठीक उसी तरह से है जैसे तीन चार साल पहले ‘मोदीनॉमिक्स’ की बात होती थी, जिसका पहला और अंतिम अध्याय नोटबंदी था। उस शब्द को हटा लिया गया है और अब नया शब्द ‘थालीनॉमिक्स’ जोड़ गया है। ‘थालीनॉमिक्स’ बढ़िया है और बताया जा रहा है कि थालियां सस्ती हो रही हैं, लेकिन प्याज के साथ ही अन्य खाद्यान, दालें और सब्जियां आदि की कीमतें बढ रही हैं। 
उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक विषमता है और इसके बारे में सर्वेक्षण में कुछ नहीं कहा गया है। उन्होंने कहा कि देश में एक प्रतिशत लोगों के पास जो संपत्ति है वह देश के 75 प्रतिशत कम आय वर्ग के लोगों की कुल संपत्ति के चार गुना से ज्यादा है। इस आर्थिक विषमता को नियंत्रण करने के लिए कुछ नहीं कहा गया है।
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