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तीनों सेनाओं के जवानों पर एक्शन लेंगे अब एक अधिकारी, भारत में इंटर सर्विस ऑर्गनाइजेशन नियम लागू

सेनाओं के लिए एक अधिकारी का नया आदेश

05:33 AM May 28, 2025 IST | Shivangi Shandilya

सेनाओं के लिए एक अधिकारी का नया आदेश

भारत में इंटर सर्विस ऑर्गनाइजेशन नियम लागू होने से अब एक अधिकारी तीनों सेनाओं के जवानों पर कार्रवाई कर सकेगा। इस नए कानून से एक कमांडर इन चीफ की बहाली होगी जो सभी सैनिकों को नियंत्रित करेगा। यह बदलाव ऑपरेशन में बाधाओं को दूर करेगा और प्रशासनिक कार्यों को सरल बनाएगा।

भारत में अब तीनों सेनाओं के जवानों पर एक अधिकारी एक्शन ले सकेगा। आज 27 मई से देश में इंटर सर्विस ऑर्गनाइजेशन नियम लागू कर दिया गया है। मोदी सरकार ने इसकी जानकारी दी है। नए कानून बनने से इंटर सर्विस ऑर्गनाइजेशन के जरिए एक कमांडर इन चीफ की बहाली होगी। यह कमांडर तीनों सेनाओं के सैनिकों पर एक्शन ले सकेगा और कंट्रोल करने में इनकी भूमिका भी रहेगी। चाहे सैनिक किसी भी सेना से हो।

दो साल पहले बिल को मिली थी मंजूरी

बता दें कि आज से दो साल पहले इंटर सर्विस ऑर्गनाइजेशन बिल को मानसून सत्र में पेश और पारित किया गया था। राष्ट्रपति ने 15 अगस्त 2023 को इसकी मंजूरी दे दी थी इसके बाद 10 मई 2024 से इस बिल को लागू किया गया। मोदी सरकार ने बिल को आज बुधवार को नए नियमों को भी आधकारिक तौर पर राजपत्र के जरिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

नए नियमों से ये 3 बदलाव…

1. कमांड अब : नए नियम के तहत अब कोई भी सेवा अधिकारी (जैसे सेना का अधिकारी) अंतर सेवा संगठन में काम करने वाले किसी अन्य सेवा (जैसे नौसेना या वायु सेना) के सैनिकों को कमान दे सकेगा।

पहले: पहले ऐसे अधिकार केवल संबंधित सेवा के भीतर ही सीमित थे। इससे अक्सर ऑपरेशन में बाधाएँ आती थीं, जैसे नौसेना का अधिकारी केवल नौसेना के सैनिकों को ही कमान दे सकता था।

2. कंट्रोल अब : नए नियम के तहत इंटर सर्विस ऑर्गनाइजेशन से जुड़े सभी सैनिक एक अधिकारी के द्वारा कमांड किया जाएगा। एक संबंधित अधिकारी को प्रशासनिक ताकत दी जाएगी। वे किसी भी सेना से जुड़े जवानों के लिए फैसला ले सकता है।

पहले: पुराने नियम को किसी विशेष सेवा के विशिष्ट कार्य वातावरण को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था। ऐसी स्थिति में, प्रशासनिक कार्रवाई के लिए जवान को उसकी मूल सेवा इकाइयों में वापस भेजने की आवश्यकता होती थी। इससे न केवल अधिक समय लगता था, बल्कि जवान के आवागमन के कारण पैसे भी खर्च होते थे।

3. अनुशासन अब: नया नियम किसी इकाई या प्रतिष्ठान के सैनिकों को एकजुट करने में मदद करता है। ऐसी स्थिति में जब अनुशासनहीनता का कोई मामला सामने आता है, तो उसके बारे में जल्दी से निर्णय लिया जा सकता है।

पहले: अगर किसी जगह पर अनुशासनहीनता होती थी, तो उस एक अनुशासनहीनता मामले के लिए तीन अलग-अलग जगहों पर कार्यवाही होती थी। जब तीन अलग-अलग जगहों पर कार्यवाही होती है, तो संभव है कि उसका नतीजा भी तीन अलग-अलग तरीके से सामने आते थे।

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