अब हर गांव में पहुंचेगा हाई-स्पीड इंटरनेट, स्टारलिंक को IN-SPACe ने दी मंजूरी
नई दिल्ली : भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी पहल करते हुए भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रोत्साहन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) ने स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड (SSCPL) को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं देने की मंज़ूरी दे दी है। इस मंजूरी के तहत स्टारलिंक को अपनी Gen1 लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट प्रणाली के ज़रिए भारत में इंटरनेट सेवाएं देने की इजाजत मिली है। यह मंजूरी 5 साल के लिए वैध होगी या तब तक, जब तक Gen1 सैटेलाइट्स की ऑपरेशनल उम्र समाप्त नहीं हो जाती – जो भी पहले हो।
अब गांवों तक पहुंचेगा हाई-स्पीड इंटरनेट
स्टारलिंक के ज़रिए भारत के दूरदराज और ग्रामीण इलाकों तक भी तेज़ और भरोसेमंद इंटरनेट सेवा पहुंचाई जा सकेगी। यह सेवा घर, स्कूल, बिज़नेस, आपातकालीन सेवाओं और सरकारी योजनाओं को जोड़ने में मदद करेगी। खासकर उन जगहों पर जहां अब तक ब्रॉडबैंड या फाइबर नेटवर्क नहीं पहुंचा है, वहां यह सेवा डिजिटल क्रांति ला सकती है।
4,408 सैटेलाइट्स से मिलेगा 600 Gbps डेटा
स्टारलिंक Gen1 सैटेलाइट्स का एक वैश्विक नेटवर्क है जिसमें कुल 4,408 सैटेलाइट्स शामिल हैं, जो पृथ्वी की सतह से 540 से 570 किलोमीटर की ऊंचाई पर घूमते हैं। भारत के लिए यह नेटवर्क लगभग 600 Gbps की डेटा क्षमता प्रदान करेगा, जिससे इंटरनेट की स्पीड और कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
बाकी मंजूरियों का इंतज़ार
हालांकि IN-SPACe की ओर से अनुमति मिल चुकी है, लेकिन स्टारलिंक को भारत में सेवाएं शुरू करने से पहले सरकार के अन्य विभागों से जरूरी लाइसेंस और मंज़ूरियां भी लेनी होंगी। IN-SPACe ने साफ किया है कि भारत में स्टारलिंक की सभी गतिविधियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा और नियमों के हिसाब से निगरानी रखी जाएगी।
भारत के लिए बड़ा डिजिटल कदम
स्टारलिंक को मिली यह अनुमति भारत के स्पेस सेक्टर को निजी कंपनियों के लिए खोलने की नीति का हिस्सा है। यह फैसला डिजिटल इंडिया मिशन को गति देने, डिजिटल डिवाइड को कम करने और अगली पीढ़ी के संचार नेटवर्क को स्थापित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। गौरतलब है कि स्टारलिंक ने हाल ही में श्रीलंका में भी ब्रॉडबैंड सेवा शुरू की है। अब भारत में इसकी एंट्री से मिलियन लोगों को फायदा मिलने की उम्मीद है, जो अब तक इंटरनेट से वंचित थे।