अब मॉडर्न रिश्तों को समझना आसान, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने छात्रों के लिए शुरू किया नया कोर्स
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने छात्रों के लिए शुरू किया नया कोर्स
यह कोर्स मनोविज्ञान विभाग के अंतर्गत शुरू होगा और इसे चार क्रेडिट का माना जाएगा. यह सभी अंडरग्रेजुएट छात्रों के लिए खुला रहेगा, जो 12वीं पास हो चुके हैं और उन्हें मनोविज्ञान के कुछ बुनियादी ज्ञान की समझ है.
Delhi University News: दिल्ली यूनिवर्सिटी ने छात्रों के लिए एक अनूठी पहल की है. अब कॉलेज के सिलेबस में सिर्फ एकेडमिक सब्जेक्ट ही नहीं, बल्कि रिश्तों को समझने और उन्हें सही ढंग से संभालने का कोर्स भी शामिल किया जाएगा. ये नया कोर्स 2025-26 के सेशन से शुरू किया जा रहा है, जिसमें खासतौर पर जेनरेशन जेड के स्टूडेंट्स को दोस्ती, प्यार, ईर्ष्या, ब्रेकअप जैसे टॉपिक्स पर शिक्षा दी जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह कोर्स मनोविज्ञान विभाग के अंतर्गत शुरू होगा और इसे चार क्रेडिट का माना जाएगा. यह सभी अंडरग्रेजुएट छात्रों के लिए खुला रहेगा, जो 12वीं पास हो चुके हैं और उन्हें मनोविज्ञान के कुछ बुनियादी ज्ञान की समझ है. कोर्स में हफ्ते में चार क्लासेस होंगी, जिनमें तीन लेक्चर और एक ट्यूटोरियल होगा. इस कोर्स की खासियत यह होगी कि इसमें पारंपरिक पढ़ाई के अलावा छात्रों को अपने विचार खुलकर व्यक्त करने का मौका मिलेगा.
कोर्स का नाम और मकसद
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस नए वैकल्पिक कोर्स का नाम है ‘नेगोशिएटिंग इंटिमेट रिलेशनशिप’. इसका मकसद है कि जेनरेशन जेड के युवा छात्रों को दोस्ती और रोमांस से जुड़े जटिल मामलों को समझने और संभालने के लिए जरूरी स्किल्स सिखाना. साथ ही, रिश्तों में उत्पन्न होने वाली नकारात्मक भावनाओं जैसे जलन और ब्रेकअप की चुनौतियों से निपटना भी इसमें शामिल होगा.
यह कोर्स चार प्रमुख यूनिट्स में बांटा गया है, जो इस प्रकार हैं:
1. दोस्ती और अंतरंग रिश्तों का मनोविज्ञान
इस यूनिट में दोस्ती की प्रकृति, इसके प्रभाव और दोस्ती से रोमांटिक रिश्तों या शादी तक के बदलाव पर चर्चा होगी. यह समझाया जाएगा कि कैसे दोस्ती से गहरे संबंध बन सकते हैं.
2. प्रेम की समझ
इस भाग में स्टर्नबर्ग के लव ट्रायंगल थ्योरी और प्यार के दो-फैक्टर थ्योरी जैसे सिद्धांतों को पढ़ाया जाएगा. इसके अलावा, सेक्सुअलिटी और रोमांटिक संबंधों की जटिलताओं को भी समझा जाएगा.
3. रिश्तों में तनाव और समस्या के संकेत
इस सेक्शन में जलन, रोमांटिक अपराध, ब्रेकअप के कारण, और शुरूआती चरण में होने वाले इंटीमेट पार्टनर वायलेंस जैसी समस्याओं के बारे में जानकारी दी जाएगी. जिससे छात्र इन ‘रेड फ्लैग्स’ को पहचान सकें.
4. मजबूत और खुशहाल रिश्ते कैसे बनाएं
अंतिम यूनिट में प्रभावी संवाद, भावनात्मक समर्थन और रिश्तों से जुड़ी संतुष्टि बढ़ाने की तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, ताकि रिश्ते सकारात्मक और स्वस्थ बने रहें.
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आखिर क्यों पड़ी इस कोर्स की जरूरत?
जेनरेशन जेड, जो डिजिटल युग की सबसे एडवांस पीढ़ी है, टेक्नोलॉजी से पूरी तरह जुड़ी हुई है. यह पीढ़ी पुराने नियमों से अलग सोच रखती है और अधिक स्वतंत्र जीवनशैली अपनाना पसंद करती है. लेकिन सोशल मीडिया और तेज़-तर्रार जिंदगी के बीच, युवा कई बार भावनात्मक संघर्ष और अनहेल्दी रिलेशनशिप पैटर्न से गुजरते हैं. हाल की घटनाएं इस बात को उजागर करती हैं कि कैसे ईर्ष्या और सोशल मीडिया की वजह से रिश्तों में तनाव पैदा होता है.
इस स्थिति को देखते हुए, दिल्ली यूनिवर्सिटी का यह नया कोर्स छात्रों को सही समय पर सीमाएं तय करना, रिजेक्शन से निपटना और भावनात्मक सुरक्षा को प्राथमिकता देना सिखाएगा. इससे युवा अनावश्यक मानसिक और भावनात्मक परेशानियों से बच सकेंगे.