Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

अब ED के चुंगल में फंसी Myntra, जानें किन मामलों में दर्ज हुआ केस?

09:12 PM Jul 23, 2025 IST | Amit Kumar
Myntra

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Myntra डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड, उसकी सहयोगी कंपनियों और निदेशकों के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999 के तहत गंभीर आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज की है। ईडी के बेंगलुरु कार्यालय ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ED ने Myntra पर 1,654.35 करोड़ रुपए के अवैध विदेशी निवेश लेने का आरोप लगाया है। जांच एजेंसी को यह जानकारी मिली थी कि मिंत्रा और उससे जुड़ी कंपनियां थोक व्यापार (B2B) का दावा कर रही थीं, लेकिन वास्तव में वे खुदरा व्यापार (B2C) कर रही थीं, जो कि एफडीआई नीति का उल्लंघन है।

कैसे हुआ यह उल्लंघन?

ED की जांच में सामने आया है कि Myntra ने थोक व्यापार के नाम पर विदेशी निवेश प्राप्त किया। इसके बाद कंपनी ने अपना सारा माल एक अन्य कंपनी, वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड को बेचा। वेक्टर ने वही माल सीधे खुदरा ग्राहकों को बेचा। ईडी का मानना है कि Myntra और वेक्टर दोनों एक ही समूह की कंपनियां हैं। इस तरह, Myntra ने बी2बी बिक्री का दिखावा करके बी2सी कारोबार किया, जिससे वह एफडीआई के नियमों से बच सके।

FDI नीति का उल्लंघन कैसे हुआ?

भारत की एफडीआई नीति के अनुसार, एक समूह की कंपनियों को थोक बिक्री अधिकतम 25% तक की जा सकती है। लेकिन मिंत्रा ने अपनी पूरी बिक्री (100%) वेक्टर को कर दी, जो स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है।

इसके अलावा, अप्रैल और अक्टूबर 2010 में लागू एफडीआई नियमों के अनुसार, मल्टी-ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग (MBRT) में विदेशी निवेश की सख्त सीमाएं तय की गई हैं। मिंत्रा ने इन नियमों की अनदेखी की और एफडीआई नियमों को दरकिनार करते हुए खुदरा कारोबार को अंजाम दिया।

Advertisement
ED- Myntra

यह भी देखें-Delhi News: दिल्ली पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, खूंखार महिला अपराधी गिरफ्तार |Delhi Crime

FEMA कानून की किन धाराओं का उल्लंघन?

ED ने बताया कि Myntra और उसकी सहयोगी कंपनियों ने फेमा की धारा 6(3)(बी) और एफडीआई नीति दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है। इसी आधार पर ईडी ने फेमा की धारा 16(3) के तहत यह शिकायत दर्ज की है।

क्या हो सकते हैं इसके नतीजे?

अगर ये आरोप साबित होते हैं, तो Myntra और उससे जुड़ी कंपनियों को भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही यह मामला भारत में विदेशी निवेश को लेकर सरकार की सख्ती को भी दर्शाता है।

यह भी पढ़ें-ED के शिकंजे में Aam Aadmi Party, इस मामले में तीन नए केस दर्ज

आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेता एक बार फिर ईडी की रडार पर आ गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली सरकार के कार्यकाल के दौरान सामने आए तीन बड़े कथित घोटालों में मनी लॉन्ड्रिंग के केस दर्ज कर लिए हैं। ये मामले अस्पताल निर्माण, सीसीटीवी परियोजना और शेल्टर होम से संबंधित हैं। ईडी ने इन मामलों में इन्फोर्समेंट केस इनफॉर्मेशन रिपोर्ट दर्ज की है और जल्द ही आम आदमी पुर्टी (Aam Aadmi Party) के शीर्ष नेताओं को पूछताछ के लिए समन भेजे जा सकते हैं।

पहला मामला

पहला मामला 5,590 करोड़ रुपए के अस्पताल निर्माण घोटाले से जुड़ा हुआ है। इस घोटाले में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। (Aam Aadmi Party) साल 2018-19 में दिल्ली सरकार द्वारा 24 अस्पताल परियोजनाएं मंजूर की गई थीं। इन आईसीयू अस्पतालों को छह महीने में तैयार करना था, लेकिन तीन साल बाद भी निर्माण कार्य अधूरा है। अब तक करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. लेकिन सिर्फ 50 प्रतिशत काम ही पूरा हुआ है। इसके अलावा, एलएनजेपी अस्पताल की लागत 488 करोड़ से बढ़कर 1,135 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।

दूसरा मामला

दूसरा मामला 571 करोड़ रुपए के सीसीटीवी घोटाले से जुड़ा है। 2019 में दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई गई थी। (Aam Aadmi Party) यह ठेका भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (भेल) को दिया गया, लेकिन परियोजना समय पर पूरी नहीं हुई। भेल पर 17 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया, जिसे बाद में बिना किसी स्पष्ट कारण के माफ कर दिया गया था।

आगे पढ़ें-

Advertisement
Next Article