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एनएसयूआई ने राज्य सरकार की नाकामी और विफलताओं को लेकर राजभवन मार्च किया

बच्चों की मौत सरकार की गरीबों के प्रति उपेक्षा का परिणाम है इसकी जांच कराई जाए। बदइंतजामी से लगातार जारी मौतों की उचित जांच कराई जाए और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।

05:02 PM Jun 28, 2019 IST | Desk Team

बच्चों की मौत सरकार की गरीबों के प्रति उपेक्षा का परिणाम है इसकी जांच कराई जाए। बदइंतजामी से लगातार जारी मौतों की उचित जांच कराई जाए और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।

पटना : पटना एनएसयूआई के द्वारा प्रदेश सचिव सह जिला प्रभारी आदित्य राज सिल्टू एवं पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व एनएसयूआई अध्यक्ष प्रत्याशी अली  रजा हाशमी के नेतृत्व में बिहार सरकार की नाकामी और विफलताओं को लेकर राजभवन मार्च निकाला गया। जिसमें बीपीसीसी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन जी भी शामिल हुए।
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राजभवन मार्च के दौरान मुख्य मंगे- मुजफफरपुर में लगातार जारी गरीब बच्चों की मौत पर असंवेदनशील रुख अपनाने वाले मुख्यमंत्री, राज्य स्वास्थ्य मंत्री, केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री और संबंधित लोग नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए इस्तीफा दें। बच्चों की मौत सरकार की गरीबों के प्रति उपेक्षा का परिणाम है इसकी जांच कराई जाए।  बदइंतजामी से लगातार जारी मौतों की उचित जांच कराई जाए और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। देश भर में बढ़ रहे मॉब लीनचिंग को सरकार बढ़ावा देना बंद करें। महिलाओं के प्रति बढ़ता अपराधए उत्पीडऩ ए और बलात्कार की घटनाओं पर सरकार जवाब दें। बिहार में बेलगाम अपराध के बढ़ते घटनाओं पर राज्य सरकार जल्द रोक लगाए।
मौके पर एनएसयूआई के प्रदेश सचिव सह जिला प्रभारी आदित्य राज सिल्टू का कहना है कि ये राजभवन मार्च सोयी हुई लापरवाह और बेपरवाह सरकार को जगाने के लिए है। लगातार बिहार में लूटपाट की घटनाओंए महिलाओं और बहनो के साथ बलात्कार की घटना आती रहती है और हमारी सरकार इसपर जवाब देने के बजाय पिछली सरकारों को अभी भी दोषी मान रही है। अगर हमारी ये मांगों पर विचार नहीं की जायेगी तो हम आगे पूरे बिहार एनएसयूआई के साथ आंदोलन करने का काम करेंगे।
साथ ही पूर्व पीयूसीयू अध्यक्ष प्रत्याशी अली रजा हाशमी का कहना है कि एक तरफ बिहार लगभग 130 मासूमों की मौत से गमगीन है। वहीं चमकी बुखार की समस्या का समाधान खोजने के बजाय बिहार सरकार उन परिजनों पर केस दर्ज कर रही हैए जिन्होंने अपने मासूम खोए हैं। यह संवेदनाओं और मानवता की मौत की पराकाष्ठा है। इस मार्च में पटना एनएसयूआई के और पटना विश्वविद्यालय के एनएसयूआई कार्यकर्ता भारी संख्या में मौजूद रहे।
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