रूस-अमेरिका में छिड़ेगी Nuclear War! ट्रंप की चेतावनी ने बढ़ाई वैश्विक हलचल
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते 12 घंटे के भीतर रूस को दो बार Nuclear हमले की चेतावनी दी है। ट्रंप ने यह बयान रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के एक विवादित बयान के जवाब में दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर रूस ने न्यूक्लियर हथियारों की बात की, तो अमेरिका भी पूरी तैयारी के साथ जवाब देने को तैयार है।
मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, "अगर कोई न्यूक्लियर की बात करता है, तो हमें सतर्क हो जाना चाहिए। हम पूरी तरह तैयार हैं। मैंने Nuclear सबमरीन भेजने का आदेश दिया है ताकि उन्हें समझ आ जाए कि हम मजाक नहीं कर रहे।" ट्रंप का इशारा रूस के पूर्व राष्ट्रपति मेदवेदेव की उस टिप्पणी की ओर था, जिसमें उन्होंने Nuclear अटैक की संभावना जताई थी।
अमेरिका ने Nuclear सबमरीन तैनात की
सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका ने अपनी दो Nuclear Power से चलने वाली सबमरीन रूस के नजदीक तैनात कर दी हैं। ये सबमरीन बैरेंट्स सागर या नॉर्वेजियन सागर में हो सकती हैं, जहां से रूस का बड़ा हिस्सा इनकी पहुंच में है। ऐसी स्थिति में अमेरिका NATO देशों के नौसैनिक ठिकानों का इस्तेमाल भी कर सकता है। रूस ने इन सबमरीन की जानकारी अमेरिका से मांगी थी, लेकिन अमेरिका ने जवाब देने से इनकार कर दिया। इसके बाद रूस ने भी जवाबी रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
रूस की भी जवाबी तैयारी
रूस ने भी अमेरिका के खिलाफ अपनी रणनीति को तेज कर दिया है। जानकारी के अनुसार, रूस की दो Nuclearपनडुब्बियां अब उत्तरी अटलांटिक महासागर में अमेरिका के नजदीक गश्त कर रही हैं। इन सबमरीन में खतरनाक मिसाइलें और अंडरवाटर पोसाइडन हथियार लगे हैं, जो Nuclear वॉरहेड से लैस हैं। इनकी पहुंच अमेरिका के कई तटीय राज्यों तक है, जैसे फ्लोरिडा, न्यू यॉर्क, पेन्सिलवेनिया, जॉर्जिया और कैरोलाइना। इतना ही नहीं, ये सबमरीन अमेरिका में किसी भी स्थान पर हमला कर सकती हैं।
पोसाइडन से खतरा
रूसी पनडुब्बियों में लगे पोसाइडन हथियार समुद्र में विस्फोट कर के भूकंप जैसी स्थिति पैदा कर सकते हैं। इससे समुद्र के भीतर रेडियोएक्टिव सुनामी आ सकती है, जो अमेरिका के तटीय इलाकों को तबाह कर सकती है।
बढ़ता हुआ तनाव
अमेरिका और रूस के बीच परमाणु हथियारों को लेकर तनाव तेजी से बढ़ रहा है। ट्रंप की सीधी चेतावनी और रूस की जवाबी तैयारियों ने दुनिया को चिंता में डाल दिया है। आने वाले समय में यह तनाव और गहराने की आशंका जताई जा रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump लगातार भारत पर दबाव बना रहा है। पहले 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी फिर उसे टाल दिया था। अब एक और बड़ा दावा करते हुए कहा कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर सकता है और यह एक अच्छा कदम होगा। वहीं भारत ने राष्ट्रीय हित के आधार पर ऊर्जा नीति बनाने के अपने संप्रभु अधिकार का बचाव किया। विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया कि भारत की ऊर्जा खरीद बाजार की गतिशीलता और राष्ट्रीय हितों से तय की जाती है।
Donald Trump का दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह बयान सही है या नहीं लेकिन यह एक अच्छा कदम होगा। बता दें कि ट्रंप का यह बयान भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने और जुर्माने को लेकर किए गए सवाल जवाब के बाद आय़ा है।
भारत का रूख स्पष्ट
Donald Trump के बयान के बाद भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भारतीय तेल कंपनियों ने रूस से तेल लेना बंद कर दिया है इस सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि भारत ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। हम बाजार में उपलब्ध चीजों और मौजूदा वैश्विक स्थिति पर नजर रखते हैं। हमें किसी विशेष बात की जानकारी नहीं है।