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दुनिया ने कोरोना से लड़ रही नर्स के जज़्बे की करी तारीफ, थकान से टूट रहा शरीर लेकिन नहीं मानी हार

जब कोरोना वायरस फैला तभी से चीन के अस्पतालों में चौकसी बढ़ा दी गई थी। वहां के अस्पताल में डॉक्टर्स ने 24-24 घंटों तक भी शिफ्ट करी है।

02:06 PM Mar 16, 2020 IST | Desk Team

जब कोरोना वायरस फैला तभी से चीन के अस्पतालों में चौकसी बढ़ा दी गई थी। वहां के अस्पताल में डॉक्टर्स ने 24-24 घंटों तक भी शिफ्ट करी है।

जब कोरोना वायरस फैला तभी से चीन के अस्पतालों में चौकसी बढ़ा दी गई थी। वहां के  अस्पताल में डॉक्टर्स ने 24-24 घंटों तक भी शिफ्ट करी है। इतना ही नहीं नर्सों ने भी इतनी लंबी शिफ्ट्स करी है। अब फोटोज भी वायरल हो रही है। वहीं चीन के बाद इटली ऐसा देश है जहां पर कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आए है। यहां पर डॉक्टर्स समेत नर्सों को भी कोरोना के मरीजों का ध्यान रखने के लिए कई-कई घंटों तक लगातार काम करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं अब तक इटली में कोरोना वायरस से जूझ रहे 1400 से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है। 
ये वाली फोटो आई सामने 
ट्विटर पर यह तस्वीर Andrea Vogt  ने साझा की है। इसमें एक नर्स मुंह ढके हुए मास्क पहनकर सोती हुई दिख रही है। क्योंकि वो बहुत ज्यादा थक चुकी है। यह फोटो नर्स एलीन पेग्लियारिनी की है और वो लोम्बार्डी क्षेत्र के एक अस्पताल में काम करती है। इस तस्वीर को देख आप इटली के हालात को बखूबी समझ पाएंगे। क्योंकि वहां के डॉक्टर्स से लेकर नर्स सभी को बहुत लंबी-लंबी शिफ्ट्स में काम भी करना पड़ रहा है। 

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थकान एंव तनाव के बीच भी काम 
पेग्लियारिनी की ये फोटो तेजी से वायरल हो गई थी। लोगों ने उन्हें मैसेज भी किया है। इतना ही नहीं लोगों ने उनकी इस कड़ी मेहनत को देख सलाम भी किया है। पेग्लियारिनी का कहना है कि मैं वास्तव में शरीरिक रूप से कोई थकती नहीं और 24 घंटे लगातार काम भी कर सकती हूं,मगर मैं यह नहीं छिपा सकती हूं कि मैं फिलहाल थकी नहीं हूं और परेशान हूं। क्योंकि इस वक्त में एक ऐसे दुश्मन से लड़ रही हूं जिसे मैं जानती तक नहीं हूं। 

एक अन्य फोटो
मिस एलेसिया बोनारी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर यह फोटो शेयर की है,जिसमें उनके फेस पर निशान दिख रहे हैं। ये निशान किसी और चीज से नहीं बल्कि ड्यूटी के वक्त पूरा दिन मास्क पहनने की वजह से हुए हैं।
एलेसिया बोनारी ने लिखा है कि दरअसल मास्क उनके चेहरे पर फिट नहीं आ रहा है। उनकी आंखें भी अच्छे से कवर नहीं हो पाती। उन्होंने बताया है कि अस्पताल के स्टॉफ को 6-6 घंटों तक पीने को पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है और बिना टॉयलेअ जाए काम करना पड़ रहा है। 
बेटे से भी नहीं मिली दो हफ्तों से 
लोम्बार्डी के एक और शहर बरगैमे के अस्पताल में काम करने वाली नर्स डेनियल मैकशिनी ने एक पोस्ट फेसबुक किया। उन्होंने लिखा है कि मैं अपने बेटे और फैमिली को पिछले दो हफ्तों से मिल नहीं पाई हूं। मुझे डर है कि कहीं वो भी कोरोना वायरस की चपेट में न आ जाएं। मेरे पास बेटे की कुछ तस्वीरें और वीडियोज है जिन्हें देख मेरी आंखें भर आती है। 
इतना ही नहीं घंटों तक काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मी भी तनाव से गुजर रहे हैं। कई अस्पतालों में मानसिक तनाव को दूर करने के लिए स्टॉफ को साइक्राइटिस्ट से भी मिलवाया जा रहा है। बीते हफ्ते तो बरगैमे में 50 डॉक्टर्स तो कोरोना वायरस से इंफेक्टिड हो गए।
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