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'मैं OBC वर्ग के हितों की रक्षा नहीं कर पाया...', आखिर ये क्यों बोले Rahul Gandhi?

08:08 PM Jul 25, 2025 IST | Amit Kumar
 मैं obc वर्ग के  हितों की रक्षा नहीं कर पाया      आखिर ये क्यों बोले rahul gandhi
Rahul Gandhi

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष Rahul Gandhi ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित ‘भागीदारी न्याय सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए OBC वर्ग से जुड़ा एक अहम बयान दिया। उन्होंने खुलकर स्वीकार किया कि कांग्रेस और उन्होंने ओबीसी समाज के हितों को पहले उस तरह से नहीं समझा और सुरक्षित नहीं किया जैसा किया जाना चाहिए था। उन्होंने वादा किया कि अब वे इस वर्ग के हक के लिए पूरी गंभीरता से काम करेंगे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Rahul Gandhi ने अपने भाषण की शुरुआत अपने राजनीतिक जीवन की समीक्षा से की। उन्होंने कहा कि वे 2004 से राजनीति में हैं और 21 साल का अनुभव रखते हैं। इस दौरान Rahul Gandhi ने  कई प्रमुख सामाजिक योजनाओं जैसे भूमि अधिग्रहण बिल, मनरेगा, भोजन का अधिकार, जनजातीय अधिकार और नियामगिरी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर उन्हें अच्छे अंक मिलने चाहिए क्योंकि उन्होंने इन वर्गों – आदिवासी, दलित और महिलाएं – के लिए लगातार काम किया।

OBC वर्ग की अनदेखी को मानी गलती

Rahul Gandhi ने मंच से यह भी कहा कि जब वे पीछे देखते हैं, तो उन्हें यह साफ महसूस होता है कि ओबीसी वर्ग के लिए उन्होंने उतना नहीं किया जितना करना चाहिए था। उन्होंने इस गलती का कारण बताते हुए कहा कि उस समय उन्हें ओबीसी के मुद्दे गहराई से समझ नहीं आए। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें उस समय ओबीसी की समस्याएं सही तरीके से पता होतीं, तो वे पहले ही जातिगत जनगणना करवाते।

जातिगत जनगणना की जरूरत: Rahul Gandhi

Rahul Gandhi ने कहा कि उन्हें अब इस बात की समझ हो चुकी है कि ओबीसी वर्ग की समस्याएं बाहर से नजर नहीं आतीं, इसलिए उन्हें पहचान पाना मुश्किल होता है। उन्होंने वादा किया कि वे अब इस वर्ग के मुद्दों को प्राथमिकता देंगे और जल्द ही जातिगत जनगणना की दिशा में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा, "यह मेरी गलती थी, लेकिन अब मैं इसे सुधारूंगा।"

तेलंगाना के डेटा का उदाहरण

Rahul Gandhi ने अपने भाषण में तेलंगाना की जाति जनगणना का उदाहरण देते हुए बताया कि आज के दौर में डेटा बहुत जरूरी है। Rahul Gandhi ने कहा कि तेलंगाना सरकार के पास डेटा होने के कारण यह साफ दिखता है कि कॉरपोरेट जगत में एससी, एसटी और ओबीसी लोगों की भागीदारी बेहद कम है। वहीं, अगर मनरेगा और गिग वर्कर की लिस्ट देखी जाए, तो ज्यादातर लोग इनही वर्गों से आते हैं।

90% आबादी, लेकिन हक से वंचित

Rahul Gandhi ने कहा कि देश की करीब 90 प्रतिशत आबादी दलित, पिछड़ा, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्ग से है। लेकिन जब बजट का वितरण होता है, तब वहां इन वर्गों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होता। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा, "हलवा आप बनाते हो, लेकिन खाते कोई और हैं। हम ये नहीं कहते कि वो न खाएं, लेकिन आपको भी तो हिस्सा मिलना चाहिए।"

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