बोरवेल में फंसी बच्ची के रेस्क्यू ऑपरेशन में रुकावटें
बोरवेल रेस्क्यू में बारिश बनी बड़ी चुनौती, मिट्टी फिसलन भरी
करीब 90 घंटे से भी ज्यादा समय बीतने के बाद भी बोरवेल में फंसी चेतना को बाहर नहीं निकाला जा सका है। बच्ची को बचाने के प्रयास गुरुवार रात से रूक-रूक कर हो रही बारिश के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण आस-पास की मिट्टी फिसलन भरी हो गई है और वेल्डिंग तथा केसिंग पाइप को नीचे करने सहित कई महत्वपूर्ण कार्य जटिल हो गए हैं। NDRF चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद बच्ची को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
अब तक बोरवेल में फंसी बच्ची
किरतपुरा की ढाणी में नवनिर्मित बोरवेल में गिरी तीन वर्षीय बच्ची चेतना को करीब 92 घंटे बाद भी नहीं निकाला जा सका है। घटना के बाद से लगातार पांचवें दिन भी रेस्क्यू अभियान जारी है। बोरवेल के पास पाइलिंग मशीन से 170 फीट की खुदाई की जा रही है, और 90 डिग्री पर 8 फीट लंबी होरिजेंटल टनल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। गुरुवार रात को अभियान एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया, जब बी-प्लान को लागू किया गया और बोरवेल के बगल में बने छेद में केसिंग पाइप को उतारा गया। हालांकि, कल रात से रूक-रूक कर हो रही बारिश के कारण बचाव अभियान में काफी रूकावटें आ रही हैं।
बारिश के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में रुकावटें
NDRF ने जानकारी देते हुए बताया, कि बारिश के कारण हमें वेल्डिंग में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम खराब होने के बावजूद हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हमने पहले ही पूरी तरह से खुदाई कर ली है और अब केसिंग पाइप नीचे तक जाएगा। यह हमारे बचावकर्मियों की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है, क्योंकि यहां मिट्टी ढीली है। सब कुछ ठीक होने के बाद सुरंग की खुदाई शुरू होगी।” 23 दिसंबर को अपने पिता के कृषि फार्म में खेलते समय बोरवेल में गिरी बच्ची को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और स्थानीय प्रशासन की टीमें बचाव अभियान चला रही हैं।
बारिश के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में रुकावटें
NDRF ने जानकारी देते हुए बताया, कि बारिश के कारण हमें वेल्डिंग में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम खराब होने के बावजूद हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हमने पहले ही पूरी तरह से खुदाई कर ली है और अब केसिंग पाइप नीचे तक जाएगा। यह हमारे बचावकर्मियों की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है, क्योंकि यहां मिट्टी ढीली है। सब कुछ ठीक होने के बाद सुरंग की खुदाई शुरू होगी।” 23 दिसंबर को अपने पिता के कृषि फार्म में खेलते समय बोरवेल में गिरी बच्ची को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और स्थानीय प्रशासन की टीमें बचाव अभियान चला रही हैं।