अरे बाप रे! अस्पताल ने दी गलत रिपोर्ट, व्यापारी ने रद्द कर दी यात्रा, जब सामने आया सच तो...
रिपोर्ट की गलती से व्यापारिक यात्रा में बाधा, सच ने किया हैरान
मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक व्यापारी को निजी अस्पताल की गलत रिपोर्ट ने इतना डरा दिया कि उसने विदेश यात्रा रद्द कर दी। मुंबई में जांच के बाद पता चला कि रिपोर्ट गलत थी। अब व्यापारी ने भोपाल स्थित अस्पताल को कानूनी नोटिस भेज दिया है और कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर ली है।
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सागर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यापारी को एक निजी अस्पताल की रिपोर्ट ने इतना डरा दिया कि उसने विदेश यात्रा रद्द कर दी. लेकिन जब मुंबई में दोबारा जांच करवाई गई तो मामला कुछ और ही निकला. अब व्यापारी ने भोपाल स्थित अस्पताल को कानूनी नोटिस भेज दिया है और कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर ली है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सागर निवासी व्यापारी अजय दुबे विदेश यात्रा की तैयारी कर रहे थे. इस सिलसिले में उन्होंने 10 मई को भोपाल के सागर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एक रूटीन हेल्थ चेकअप करवाया. कार्डिएक सीटी एंजियोग्राफी के बाद डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनकी मध्य कोरोनरी धमनियों में 100% ब्लॉकेज है. अस्पताल के अनुसार, किसी भी हलचल से उन्हें हार्ट अटैक आ सकता है और तत्काल सर्जरी की आवश्यकता है.
परिवार के साथ मुंबई पहुंचे
इस रिपोर्ट से घबराए अजय दुबे ने अपनी विदेश यात्रा स्थगित कर दी और परिवार सहित मुंबई के सुराणा हॉस्पिटल पहुंचे. वहां सीनियर हृदय रोग एक्सपर्ट डॉ. रमेश कावर ने पारंपरिक इनोवेटिव एंजियोग्राफी की. 14 अप्रैल को हुई इस जांच में यह सामने आया कि केवल एक धमनी में 40% ब्लॉकेज है, जो कि 60 वर्ष की आयु में सामान्य माना जाता है. डॉक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि सर्जरी की कोई आवश्यकता नहीं है और यह स्थिति सामान्य दवाओं से नियंत्रित की जा सकती है.
‘मानसिक और आर्थिक नुकसान पहुंचाया’
अजय दुबे ने आरोप लगाया कि भोपाल के अस्पताल ने गलत रिपोर्ट देकर उन्हें मानसिक और आर्थिक नुकसान पहुँचाया है. उन्होंने अपने वकील ऋषि मिश्रा के माध्यम से अस्पताल को कानूनी नोटिस भेजते हुए एक करोड़ रुपये की मांग की है. यदि 15 दिन के भीतर जवाब नहीं मिलता, तो वे कोर्ट में याचिका दायर करेंगे.
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अस्पताल: रिपोर्ट गलत नहीं हो सकती
इस मामले में सागर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. आदित्य अग्रवाल का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है. उन्होंने दावा किया कि उनके अस्पताल की जांच मशीनें पूरी तरह अपडेटेड और अत्याधुनिक हैं. उनके अनुसार, रिपोर्ट गलत आने की कोई संभावना ही नहीं है.
मरीज के आरोपों की जांच नोटिस मिलने के बाद ही की जाएगी. यह मामला एक बार फिर निजी अस्पतालों की जांच और नैतिकता पर सवाल खड़े करता है. अब देखना यह है कि इस कानूनी लड़ाई में न्याय किसके पक्ष में जाता है.