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Olympics 2036: भारत का विज़न 2036 और ओलंपिक मेज़बानी की तैयारी

04:41 PM Jul 24, 2025 IST | Aishwarya Raj
olympics 2036  भारत का विज़न 2036 और ओलंपिक मेज़बानी की तैयारी

Olympics की मेजबानी हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण होगी: पीटी उषा

भारत में ओलंपिक का आयोजन अब एक दूर का सपना नहीं, बल्कि एक ठोस योजना का हिस्सा बन चुका है। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष और देश की दिग्गज एथलीट पीटी उषा ने स्पष्ट किया है कि ‘Vision 2036’ के तहत भारत ओलंपिक 2036 की मेजबानी की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह केवल एक खेल आयोजन नहीं बल्कि भारत के वैश्विक खेल नेतृत्व की दिशा में बड़ा कदम है।

Vision 2036: भारत की खेल नीति का आधार

पीटी उषा ने अपने बयान में कहा, “हमारा दीर्घकालिक उद्देश्य भारत को खेलों के वैश्विक मंच पर अग्रणी बनाना है। Vision 2036 का उद्देश्य न केवल ओलंपिक में निरंतर पदक जीतना है, बल्कि खुद ओलंपिक जैसे प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी करना भी है। यह आयोजन भारत की बढ़ती क्षमता और आत्मविश्वास का प्रतीक होगा।”

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प्रधानमंत्री मोदी के विचारों से प्रेरणा, Olympics

पीटी उषा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन को उद्धृत करते हुए कहा, “युवा और खेल भारत के भविष्य के दो इंजन हैं। एक सशक्त खिलाड़ी एक सशक्त राष्ट्र का प्रतिबिंब होता है।” उन्होंने इसे Vision 2036 के मूल में रखा और बताया कि IOA इसी विचार के साथ देश के कोने-कोने में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित कर रहा है।

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डोप-मुक्त और समावेशी खेल व्यवस्था की योजना, Olympics

भारत की उड़नपरी ने बताया कि Vision 2036 केवल मेजबानी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें देश में मजबूत और टिकाऊ खेल तंत्र खड़ा करना भी शामिल है। उन्होंने कहा, “हम राज्य, जिला और गांव स्तर पर खेल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगे। डोप-मुक्त खेल संस्कृति को बढ़ावा देंगे और सुनिश्चित करेंगे कि सामाजिक या भौगोलिक कारणों से कोई भी खिलाड़ी पीछे न छूटे।”

महिलाओं, आदिवासियों और ग्रामीण खिलाड़ियों के लिए विशेष योजना

Olympics: पीटी उषा ने कहा कि Vision 2036 की योजना समावेशी है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि महिला खिलाड़ी हों, ग्रामीण क्षेत्र से हों या आदिवासी समुदाय से – हर किसी को खेल में समान अवसर मिले। हम एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे जहां हर प्रतिभाशाली खिलाड़ी को ओलंपिक मंच तक पहुंचने का अवसर मिलेगा।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह सपना केवल IOA का नहीं, बल्कि हर उस भारतीय का है जो खेलों के ज़रिए देश का नाम रोशन करना चाहता है।

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Vision 2036: राष्ट्रीय आंदोलन की ओर

Olympics: IOA अध्यक्ष ने कहा, “यह विज़न केवल एक संस्था का नहीं है, यह हर कोच, हर खेल अधिकारी, हर राज्य सरकार, हर प्रायोजक और सबसे अहम – हर खिलाड़ी का है। जो भी खिलाड़ी गर्व के साथ तिरंगा लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर उतरता है, वह इस विज़न का हिस्सा है।”

ओलंपिक मेजबानी: भारत के लिए ऐतिहासिक मौका

भारत ने अब तक ओलंपिक खेलों की मेजबानी नहीं की है। हालांकि एशियाई खेल और कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे बड़े आयोजन सफलतापूर्वक किए गए हैं, लेकिन ओलंपिक अभी भी एक अधूरा सपना है। वर्तमान में भारत की आर्थिक स्थिति, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पहचान और खेलों में बढ़ती भागीदारी इसे हकीकत में बदलने की दिशा में एक ठोस आधार देती है।

सपनों की दिशा में भारत का पहला कदम

Olympics 2036 की मेजबानी केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की खेल क्रांति का प्रतीक बन सकती है। Vision 2036 न केवल खिलाड़ियों के लिए नई राहें खोलेगा, बल्कि करोड़ों युवाओं को प्रेरणा भी देगा। जैसा कि पीटी उषा ने कहा, “यह आयोजन हमारे लिए एक उपलब्धि होगी,” यह सिर्फ उनका बयान नहीं, बल्कि भारत के हर खिलाड़ी, प्रशिक्षक और खेल प्रेमी की उम्मीद है।

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Aishwarya Raj

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