टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

13 अप्रैल के दिन प्रशासन और लोगों के मध्य हो सकता है टकराव, कैप्टन के लिए परीक्षा की घड़ी

देश में शहीदों की धरती जलियांवाले बाग में मनाई जा रही शहीदी शताब्दी समारोह के लिए चाहे कोई भी विशेष प्रबंध नहीं किए गए लेकिन आज से सौ साल

07:13 PM Apr 12, 2019 IST | Desk Team

देश में शहीदों की धरती जलियांवाले बाग में मनाई जा रही शहीदी शताब्दी समारोह के लिए चाहे कोई भी विशेष प्रबंध नहीं किए गए लेकिन आज से सौ साल

लुधियाना-अमृतसर : देश में शहीदों की धरती जलियांवाले बाग में मनाई जा रही शहीदी शताब्दी समारोह के लिए चाहे कोई भी विशेष प्रबंध नहीं किए गए लेकिन आज से सौ साल पहले इसी इलाके में घटित गोलीकांड के दौरान अंग्रेजों ने बाग में क्रांतिकारियों के समूह को रोकने के लिए धारा-144 का सहारा लिया था लेकिन अब 12-13 अप्रैल को मनाई जा रही शताब्दी समागम के दौरान शहर में धारा 144 के दौरान श्रद्धांजलि समारोह मनाया जाएंगा। लोगों में चर्चा है कि गोरे अंग्रेजों के जाने के बाद आज भारतीय काले अंग्रेज भी उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए उसी धारा का सहारा ले रहे है। प्रशासन ने किसी भी संगठन को इस दौरान रैली या धरना प्रदर्शन ना करने की सख्त मनाही की है। उल्लंघना करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई है।

Advertisement

13 अप्रैल 1919 को जलियांवाले बाग की घटना उस वक्त हुई थी, जब रोलट एक्ट के खिलाफ सारे देश में धरना प्रदर्शन हो रहे थे। अमृतसर में 6 अप्रैल को हुई हड़ताल की कामयाबी को देखते तत्कालीन इंकलाबी आगू सत्यपाल चौधरी और डॉ सेफूदीन किचलू को जिला प्रशासन ने गिरफतार करके धर्मशाला भेज दिया था।

10 अप्रैल को स्थानीय लोगो ने इकटठे होकर डिप्टी कमीश्रर की रिहायश पर घेराव करने का प्रयास किया तो पुलिस ने स्टेशन के पास गोली चलाकर एक दर्जन के करीब लेागों को मार दिया था। शहर में कफर्यू होने के कारण 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाले बाग में रोष स्वरूप इकटठा होने का क्रांतिकारियों ने फैसला किया तो ब्रिगेडियर डायर द्वारा गोली चलाकर इस इकटठ में शामिल सैकड़ों लोगों को गोलियों से मार दिया जबकि हजारों की संख्या में लोग घायल हुए थे।

चाहे जितना अपमानित और प्रताड़ित किया जाए, अमेठी के लिये काम करती रहूंगी : स्मृति ईरानी

उस वक्त 13 अप्रैल 1919 को शहर में धारा-144 लगी होने के कारण 4 लोगों के इकटठा होने की इजाजज नहीं दी गई थी और आज भी गुरू की नगरी अमृतसर में धारा -144 लगाई गई और पूरे शहर को पुलिस छावनी में तबदील किया गया है। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स, घुड़सवार, बम ब्लास्ट स्कॉयड समेत बड़ी संख्या में एयरगन विकल चौक-चौराहों में खड़े कर दिए गए है और जलियावाले बाग के इर्द-गिर्द में 3 प्रकार का सुरक्षा चक्र बनाया गया है। पहले घेरे में पंजाब पुलिस के जवान होंगे। दूसरे घेरे में सीआरपीएफ और तीसरे घेरे में कमांडो समेत स्वैट फोर्स के हथियारबंदजवान शामिल किए गए है। इसी समागम में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान राहुल गांधी, देश के उपराष्ट्रपति जनाब वेकैंया नायडू, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह, राज्यपाल समेत बीपी बदनौर समेत अन्य देश-विदेश की शख्सियतें शामिल होंगी। वे अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों के साथ शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो स्वयं जलियावाले बाग वेलफेयर ट्रस्ट के चेयरमैन है लेकिन सियासी व्यस्तता के चलते वह इस समारोह में शािमल नहीं हो रहे। जिला के डिप्टी कमीश्रर श्री शिव दुलार सिंह ढिल्लों का कहना है कि इस दिन समागम में शामिल होने का खुला निमंत्रण दिया जाता है जबकि दूसरी तरफ कमीश्रनर पुलिस स. भूपिंद्र सिंह का कहना है कि शहर में धारा 144 लगी है, किसी भी प्रकार की रैली या मार्च नहीं निकलने दिया जाएंगा।

उधर पंजाब स्टूडेंड यूनियन के सदस्यों का कहना है कि वह कंपनी बाग में बड़ी संख्या लेकर इकटठे होंगे और वहां इनकलाबी नारें लगाते हुए जलियावांले बाग की तरफ बढ़ेंगे। उन्होंने तर्क दिया कि पिछले 3 महीनों से हर गांव में जाकर नौजवानों और लोंगो से मिलकर समागम में आने का निमंत्रण दे चुके है। उनके दावे के मुताबिक 10 हजार के करीब लोग इकटठे होंगे जबकि राज्य की अलग-अलग किसान जत्थेबंदियों द्वारा बनाई गई 21 सदस्यीय कमेटी के निमंत्रण पर बड़ी संख्या में किसानों के पहुंचने की आस है। किसान यूनियन के नेताओं का कहना है कि आनंद पार्क में वह इकटठे होकर जलियावाले बाग में पहुंचेगे और किसानों की संख्या 50हजार से अधिक होंगी।

स्मरण रहे कि जलियावाले बाग में स्थान बहुत कम है और उसपर अधिक से अधिक 5 हजार तक लोग समा सकते है। अगर बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए तो प्रशासन के लिए चुनोती होंगी। ऐसे हालात में 1919 की घटना ना बन जाऐ। प्रशासन ने भारी सुरक्षा बंदोबस्त किया हुआ है। विडंबना है कि 13 अप्रैल 1919 के दिन वैसाखी के त्यौहार के दिन शहर में धारा 144 लगी थी और अब 13 अप्रैल 2019 को उन्हीं शहीदों को श्रद्धांजलि देने के दौरान प्रशासन ने धारा 144 का सहारा लिया है।

– सुनीलराय कामरेड

Advertisement
Next Article