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नागपुर हिंसा पर कांग्रेस नेता हुसैन दलवई बोले, 'हिम्मत है तो औरंगजेब की कब्र हटाओ'

नागपुर हिंसा पर कांग्रेस नेता की तीखी प्रतिक्रिया, औरंगजेब की कब्र हटाने की चुनौती

05:55 AM Mar 21, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

नागपुर हिंसा पर कांग्रेस नेता की तीखी प्रतिक्रिया, औरंगजेब की कब्र हटाने की चुनौती

कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने नागपुर हिंसा पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर फडणवीस में हिम्मत है तो औरंगजेब की कब्र हटाकर दिखाएं। उन्होंने आरोप लगाया कि फडणवीस के बयान मुसलमानों के खिलाफ माहौल बना रहे हैं। दलवई ने कहा कि नागपुर में हिंसा असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है और उन्होंने भाजपा-आरएसएस पर भी हमला बोला।

कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने नागपुर हिंसा को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने मुख्यमंत्री फडणवीस को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनमें हिम्मत है तो मुगल शासक औरंगजेब की कब्र हटाकर दिखाएं। शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने एक कमेटी बनाई है, जिसमें मैं भी शामिल हूं। हम लोग वहां जाएंगे और सच्चाई लोगों के सामने लाएंगे। लेकिन, नागपुर हिंसा क्यों हुई। इसके पीछे आप देखेंगे कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जिस प्रकार से औरंगजेब की कब्र को हटाने के संबंध में बयान दिए थे। उनके बयानों ने मुसलमानों के खिलाफ एक माहौल तैयार किया।

कांग्रेस नेता ने सीएम फडणवीस पर साधा निशाना

औरंगजेब की कब्र औरंगाबाद में है। नागपुर में आंदोलन करने की क्या जरूरत थी। अगर देवेंद्र फडणवीस में हिम्मत है तो औरंगजेब की कब्र हटाएं। औरंगजेब की कब्र का यहां रहने से हमारा इतिहास हमें बताता है कि औरंगजेब मरने के लिए दिल्ली जाना चाहता था, लेकिन वह नहीं जा पाया। इससे हमारा मराठा समाज का इतिहास जुड़ा हुआ कि कैसे हमारे मराठा समाज के शूरवीरों ने औरंगजेब को यहां घुटने टेकने को मजबूर कर दिया। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि नागपुर में आंदोलन की क्या जरूरत थी। यह सिर्फ असल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास है। दूसरी ओर जिस तरह से चादर को जलाया गया। उससे मेरी भी भावना आहत हुई है।

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कांग्रेस ने भाजपा और आरएसएस पर बोला हमला

जिन लोगों ने यह काम किया, अगर पुलिस उन्हें पहले अंदर कर देती, तो हिंसा नहीं होती। उन्होंने आगे कहा कि मुसलमानों ने भी गलती की है। उन्हें पुलिसकर्मियों पर हमला नहीं करना चाहिए था। महिला कर्मियों पर हमला करना निंदनीय है। मैं हिंसा के खिलाफ हूं। हमारा नेता गांधी जी है। मुसलमान अहिंसा के तहत विरोध जता सकते थे। लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया। इससे साफ होता है कि इनके पास नेतृत्व की कमी है और भाजपा और आरएसएस वाले जानबूझकर ऐसे मुद्दों को आपके सामने उठाते हैं, जिससे आप भड़क जाते हैं। मुसलमानों में भी कुछ ऐसे हैं जो भाजपा-आरएसएस की मदद करते हैं। यह फहीम खान कौन है। इसकी भी जांच होनी चाहिए।

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