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पुस्तिका विवाद पर भाजपा ने कहा : नेहरू-गांधी परिवार को जानने के लिए ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन’ पढ़ें

कांग्रेस सेवा दल द्वारा हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के जीवन पर सवाल उठाने वाली पुस्तिका वितरित किए जाने के एक दिन बाद भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उनसे कहा कि उन्हें नेहरू-गांधी परिवार के बारे में जानने के लिए ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन’ पढ़नी चाहिए।

02:08 PM Jan 03, 2020 IST | Shera Rajput

कांग्रेस सेवा दल द्वारा हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के जीवन पर सवाल उठाने वाली पुस्तिका वितरित किए जाने के एक दिन बाद भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उनसे कहा कि उन्हें नेहरू-गांधी परिवार के बारे में जानने के लिए ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन’ पढ़नी चाहिए।

पुस्तिका विवाद पर भाजपा ने कहा   नेहरू गांधी परिवार को जानने के लिए ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन’ पढ़ें
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कांग्रेस सेवा दल द्वारा हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के जीवन पर सवाल उठाने वाली पुस्तिका वितरित किए जाने के एक दिन बाद भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उनसे कहा कि उन्हें नेहरू-गांधी परिवार के बारे में जानने के लिए ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन’ पढ़नी चाहिए।
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सेवा देल ने भोपाल में अपने प्रशिक्षण शिविर में ‘वीर सावरकर कितने वीर’ नाम पुस्तिका का वितरण किया है। इसमें डोमिनिक लैपिएर और लैरी कॉलिन्स की किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि ‘‘सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के बीच समलैंगिक संबंध थे।’’
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सावरकर पर की गई इन टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर त्रिवेदी ने कहा, ‘‘लैरी कॉलिन्स और डोमिनिक लापियर ने ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ नाम की किताब लिखी थी। लेकिन इसके अलावा एक अन्य मिडनाइट बुक भी है। इसका नाम ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन’ है। उन्हें (कांगेस नेताओं) इसे भी पढ़ना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम चर्चा करेंगे कि ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन’ किताब में गांधी परिवार के बारे में क्या लिखा है, तो इससे समस्या पैदा हो जाएगी। इसलिए मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा।’’
त्रिवेदी ने कहा, ‘‘मैं महात्मा गांधी एवं देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निजी सहायकों द्वारा लिखी गई किताबों के ‘कंटेंट’ के बारे में भी टिप्पणी नहीं करूंगा। इसके अलावा, मैं भारत के अंतिम वाइसराय लॉर्ड माउंटबेटन के निजी जीवन के बारे में भी टिप्पणी नहीं करूंगा।’’
त्रिवेदी ने दावा किया कि देश की आजादी के लिए हुए स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस नेता आराम से जेल में रहे, क्योंकि उन्होंने जेल में रहकर भी किताबें लिखीं। लेकिन सावरकर को कालापानी के सेलुलर जेल में कठोर कारावास का सामना करना पड़ा था।
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