छठ की पूर्व संध्या पर दिल्ली में राजनीतिक दलों के बीच यमुना प्रदूषण, घाटों पर तैयारी पर जुबानी जंग
राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को छठ को लेकर पार्टियों की राजनीति तेज हो गई। सत्तारूढ़ आप और विपक्षी भाजपा तथा कांग्रेस के बीच यमुना नदी में प्रदूषण और त्योहार के लिए घाटों पर तैयारियों को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई।
01:11 AM Oct 30, 2022 IST | Shera Rajput
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राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को छठ को लेकर पार्टियों की राजनीति तेज हो गई। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस के बीच यमुना नदी में प्रदूषण और त्योहार के लिए घाटों पर तैयारियों को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई।
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छठ पूजा 30 और 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इसमें व्रत करने वाली महिलाएं घुटनों तक पानी में उतरकर सूर्य देव को ‘अर्घ्य’ देती हैं। यह त्योहार दिल्ली में रह रहे बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश – पूर्वांचलियों के बीच बेहद लोकप्रिय है। भाजपा सांसद परवेश वर्मा ने ट्विटर पर कई वीडियो साझा किए और कहा कि श्रद्धालुओं को इस बात का दुख है कि त्योहार मनाने के लिए उनके लिए बनाए गए अस्थायी तालाबों में पानी उपलब्ध नहीं है।
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उन्होंने 2015 से प्रदूषण के कारण यमुना के झाग के कथित वीडियो भी साझा किए और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नदी को साफ करने के वादे का जिक्र करते हुए कहा कि ‘‘वे पांच साल कभी नहीं आएंगे’’।
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आप के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने भी उत्तर प्रदेश के मथुरा बैराज में यमुना नदी में झाग का एक वीडियो साझा किया और भाजपा पर कटाक्ष किया। इस पर वर्मा ने सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि यमुना दिल्ली से उत्तर प्रदेश की ओर बहती है और आप सांसद की शिक्षा पर सवाल उठाया।
कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कई छठ श्रद्धालुओं के साथ आईटीओ के पास आप के कार्यालय में घाटों पर तैयारी की कमी और यमुना किनारे केवल निर्दिष्ट स्थानों पर ही त्योहार मनाने की अनुमति देने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया।

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