Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

श्री गुरु राम दास जी के प्रकाश पर्व पर श्री अकाल तख्त साहिब से निकला विशाल नगर कीर्तन

NULL

01:42 PM Oct 08, 2017 IST | Desk Team

NULL

लुधियाना-अमृतसर  : श्री गुरू रामदास जी के 483वें प्रकाश पर्व के संबंध में आज शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से संगत के सहयोग के साथ विशाल नगर कीर्तन श्री अकाल तख्त साहिब से जयकारों की गंूज में शुरू हो गया। संगत बड़ी संख्या में नगर कीर्तन में शामिल हुई।

चौथे गुरु व अमृतसर शहर के संस्थापक श्री गुरु राम दास जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में संगत के सहयोग के साथ एक विशाल नगर कीर्तन का गुरुनगरी में आयोजन किया गया। नगर कीर्तन की शुरू आत श्री अकाल तख्त साहिब से की गई। श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह की ओर से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्वरूप पालकी साहिब में सुशोभित करने के बाद यह नगर कीर्तन शुरू हुआ।

इस विशाल नगर कीर्तन में एसजीपीसी के अध्यक्ष प्रो किरपाल सिंह बडूंगर , विभिन्न सिख संस्थाओं, सभा , सोसाईटों के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में स्कूलों व कालेजों के विद्यार्थी, बैंड पार्टियों और गतका पार्टियों के सदस्य शामिल हुए। बड़ी संख्या में रागी और ढाडी जत्थे भी इस नगर कीर्तन की शोभा बड़ा रहे थे। विदेशों से भी भारी संख्या में संगत इस नगर कीर्तन का हिस्सा बने।

नगर कीर्तन श्री गुरु राम दास निवास से ब्रहमबूटा मार्केट , महाना सिंह रोड़, सट्टी बजार, चौंक घंटा घर, बाजार माई सेवा, बाजार काठियां, बाजार पापडऋां, बाजार बांसा, बाजार चौंक छत्ती खूही, चावल मंडी, दाल मंड़ी , चौंक ढाब खटीकां, ढाब बस्ती राम, चौंक लक्ष्मणसर, बाजार बांसा वाला, चौंक बाबा साहिब , चौंक प्रागदास, से हाता हुआ दोबार गुरु राम दास निवास से होता हुआ श्री अकाल तख्त साहिब पर संपन्न हुआ।

इस दौरान संबोधित करते हुए एसजीपीसी के अध्यक्ष प्रो किरपाल सिंह बडूंगर ने श्री गुरु राम दास जी के 484 वें प्रकाश पर्व पर देश विदेश से आई संगत को बधाई दी। जिन संस्थाओं ने नगर कीर्तन में हिस्सा लिया उनका धन्यावाद किया। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब का जीवन मानवता का नेतृत्व देने वाला है। उनकी ओर से बसाया गया शहर अमृतसर सारी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है।

– सुनीलराय कामरेड

Advertisement
Advertisement
Next Article