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अमेरिकी नेवी के बिना अनुमति अभियान पर थरूर ने कहा: मामले को कूटनीतिक ढंग से हल करना चाहिए

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि अमेरिकी नौसेना का भारत की पूर्वानुमति के बिना इस सप्ताह लक्षद्वीप द्वीपसमूह के निकट भारतीय जलक्षेत्र में नौपरिवहन स्वतंत्रता अभियान शुरू करना ‘अपमानजनक’ व्यवहार को दिखाता है तथा इस मामले को कूटनीतिक ढंग से हल करना चाहिए।

05:39 PM Apr 14, 2021 IST | Ujjwal Jain

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि अमेरिकी नौसेना का भारत की पूर्वानुमति के बिना इस सप्ताह लक्षद्वीप द्वीपसमूह के निकट भारतीय जलक्षेत्र में नौपरिवहन स्वतंत्रता अभियान शुरू करना ‘अपमानजनक’ व्यवहार को दिखाता है तथा इस मामले को कूटनीतिक ढंग से हल करना चाहिए।

अमेरिकी नेवी के बिना अनुमति अभियान पर थरूर ने कहा  मामले को कूटनीतिक ढंग से हल करना चाहिए
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि अमेरिकी नौसेना का भारत की पूर्वानुमति के बिना इस सप्ताह लक्षद्वीप द्वीपसमूह के निकट भारतीय जलक्षेत्र में नौपरिवहन स्वतंत्रता अभियान शुरू करना ‘अपमानजनक’ व्यवहार को दिखाता है तथा इस मामले को कूटनीतिक ढंग से हल करना चाहिए।
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उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अमेरिकी नौसेना का लक्षद्वीप द्वीपसमूह के निकट भारतीय जलक्षेत्र में नौपरिवहन स्वतंत्रता अभियान शुरू करने को लेकर भारत में गुस्सा समझने लायक है। बहरहाल, ‘यूएन क्लॉज़’ (समुद्री क्षेत्र का कानून) में ऐसा कुछ नहीं है जो इस क्षेत्र से होकर नौपरिवहन की स्वतंत्रता से जुड़े भारत के रुख का समर्थन करता हो।’’
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थरूर ने कहा कि अमेरिकी लक्षद्वीप के निकट वही कर रहे हैं जो वह, दक्षिणी चीन सागर में और उससे गुजरते हुए करने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका को भारत की संवेदनाओं का सम्मान नहीं करने का आरोपी ठहराया जा सकता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय कानून भंग करने का आरोप नहीं लगाया जा सकता।
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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मामले का हल कूटनीतिक ढंग से किया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी नौसेना ने हाल ही में भारत की पूर्वानुमति के बिना लक्षद्वीप द्वीपसमूह के निकट भारतीय जलक्षेत्र में नौपरिवहन स्वतंत्रता अभियान शुरू करने की घोषणा की थी। इसके बाद भारत ने कहा कि उसने राजनयिक माध्यमों से वाशिंगटन को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है।
विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के सात अप्रैल के इस बयान पर भी विरोध दर्ज कराया कि अमेरिकी जहाज जॉन पॉल जोन्स द्वारा नौपरिवहन स्वतंत्रता अभियान में, अंतरराष्ट्रीय कानून में निर्धारित समुद्री क्षेत्र के कानूनन इस्तेमाल, अधिकार और स्वतंत्रता को कायम रखा गया।
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