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बुजुर्गों की उम्मीदों का एक कदम और...

04:02 AM Sep 15, 2024 IST | Kiran Chopra

मुझे 20 साल हो रहे हैं बुजुर्गों के लिए कार्य करते हुए। सभी का अक्सर यह कहना होता है कि विदेशों की तरह हमारे देश में भी सामाजिक सुरक्षा और मुफ्त इलाज की सुविधा होनी चाहिए। मेरा मानना है कि जब बालों में सफेदी आने लगती है, चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं यानि उम्र 60 का आंकड़ा पार कर लेती है तो सही मायनों में अपने परिवार के लोगों की ​जरूरत पड़ती है, जिनके लिए बुजुर्गों ने जीवनभर खुद को कुर्बान किया हो। औलाद उनसे अगर उनकी प्रोपर्टी, धन-दौलत यानि सुख छीन ले और उन्हें अकेलेपन के लिए छोड़ दे तो वे बहुत पछताते हैं। हमारे पास ऐसी चिट्ठियां बहुत आती हैं, खुद भी आते हैं, जिनमें घरों के बुजुर्ग अपना दर्द बयान करते हैं। उनकी इस पीड़ा को हमने व्यक्तिगत रूप से समझा और वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब की स्थापना की थी। आज देशभर में 20 केन्द्र हैं, 2 गांवों में इसलिए मुझे बुजुर्गों की व्यक्तिगत कठिनाइयों और दिक्कतों के बारे में पता चलता रहता है, जिसमें उनके सम्मान का आहत होना भी शामिल है। इन सब में इस उम्र में उनकी सेहत पर असर जरूर पड़ता है। वे हैल्थ संबंधी सुविधाओं की मांग भी करते हैं, ऐसे में अगर मोदी सरकार उनके ​िलए 5 लाख तक का मुफ्त इलाज अर्थात हैल्थ इंश्योरेंस कवर लाई तो हम सबसे पहले उनका स्वागत करते हैं। हम तो यही कहेंगे कि जो बुजुर्गों का सम्मान करेगा, उनकी तकलीफें दूर करेगा वह भारत तो क्या दुनिया पर राज करेगा। बहुत-बहुत धन्यवाद मोदी सरकार।
दुनियाभर की आबादी में लगभग 30 से 35 प्रतिशत लोग बुजुर्ग हैं और वे 60 वर्ष की उम्र पार करते-करते खुद को उपेक्षित मानते हैं। इसीलिए बुजुर्गों के लिए सरकारें उन्हें खुश रखने के लिए तरह-तरह की सुविधाएं प्रदान करती रहती हैं। उन्हें तीर्थस्थल भेजने के​ लिए मुफ्त ट्रेन सेवा व हवाई सेवा सुविधाएं दी जा रही हैं परन्तु सबसे जरूरी सेहत है। हैल्थ इज वैल्थ, सबसे पहले इस उम्र में हैल्थ फिर पैसा या​िन आर्थिक मदद या सुविधा, सामाजिक सुरक्षा फिर ट्रांसपोर्ट जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा 2018 के केन्द्रीय बजट में आयुष्मान भारत की घोषणा की गई थी जिसके मुख्य लक्ष्य थे कि देश में एक लाख हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित करना और 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख प्रतिवर्ष के स्वास्थ्य बीमा कवच से जोड़ना। मोदी सरकार की इस योजना की तुलना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा चलाई गई ओबामा केयर योजना से की गई थी। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को हैल्थ बीमा मुहैया कराना है। आयुष्मान योजना का लाभ देशभर के निम्न आय परिवारों को मिला।
सच बात तो यह है कि भारत के वरिष्ठ नागरिक जो आर्थिक रूप से सम्पन्न नहीं हैं, की हमेशा मांग रही है कि उन्हें उपचार मुफ्त में उपलब्ध कराया जाना चाहिए। जीवनभर की इनकी बचत पर बैंक इतना ब्याज नहीं देते कि वह अपनी जरूरतें पूरी कर सकें। सामाजिक स्तर पर भी हम वरिष्ठ नागरिकों को कई तरह की परेशानियों से जूझते हुए देखते हैं। मैं कई वर्षों से वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब का संचालन कर रही हूं और मुझे व्यक्तिगत रूप से वरिष्ठ नागरिकों की व्यथा का अहसास है। इसीलिए हमने उनके स्वास्थ्य के लिए देश के जाने-माने अस्पतालों के डाॅक्टरों तथा संस्थाओं के सहयोग से हैल्थ कैम्प आयोजित करवाए तथा उनके लिए मनोरंजन के साधन के साथ-साथ उन्हें व्यस्त रखने का काम किया। अब आयुष्मान भारत योजना का लाभ 70 या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को मिल सकता है। मोदी मंत्रिमंडल ने इस संबंधी फैसले को मंजूरी भी दे दी है। इसे बुजुर्गों के लिए मोदी सरकार का बड़ा तोहफा माना जा रहा है। नौकरीपेशा लोग हमेशा अपनी वृद्धावस्था को लेकर चिंतित रहते हैं और सरकार का दायित्व भी बनता है कि वह अपने नागरिकों के भविष्य को सुरक्षित करे। मोदी कैबिनेट फैसले के अनुसार 4.5 करोड़ परिवारों के करीब-करीब 6.25 करोड़ सीनियर सिटीजन को मुफ्त हैल्थ इंश्योरेंस कवर मिलेगा जिसमें हमारे वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब के सैंकड़ों सदस्यों भी लाभान्वित होंगे। तीन दिन पहले जब यह खबर आई मुझे तब से ही हमारे अनेक बुजुर्ग सदस्यों के फोन आए जिसमें उन्होंने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। इसका क्या तरीका है, वो सरल और सबको समझ आने वाला होना चाहिए। मेरा मानना है कि पीएम मोदी को हमारे बुजुर्गों का सीधा आशीर्वाद मिल रहा है। मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि यद्यपि सरकार ने हैल्थ की दिशा में बहुत कुछ किया है। दिल्ली के एम्स की तरह राज्यों में भी एम्स बन रहे हैं परन्तु फिर भी एक गुजारिश मोदी जी से रहेगी कि हर भारतीय के निःशुल्क इलाज की व्यवस्था अगर हो जाए तो फिर देश का भला हो जाएगा। जब कोरोना का मोदी जी के मंत्रों के दम पर थाली बजाकर, दीये जलाकर कष्ट को दूर ​िकया गया। निःशुल्क इलाज की राष्ट्रीय व्यवस्था भी हो सकती है लेकिन बुजुर्गों के लिए जो कुछ किया उसके लिए बहुत-बहुत शुक्रिया। मोदी जी अापने बुजुर्गों की उम्मीदों पर एक कदम और उठाया है बहुत-बहुत धन्यवाद।

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