वन नेशन-वन इलेक्शन बिल लोकसभा में पास, पक्ष में पड़े इतने वोट, जानें दलों ने क्या कहा
सरकार ने आज लोकसभा में एक देश- एक चुनाव का बिल पेश किया।
देश में चुनावी प्रक्रिया बदलने वाली है। सरकार ने आज लोकसभा में एक देश- एक चुनाव का बिल पेश किया। इसके पक्ष में 200 से अधिक सांसदों ने वोट दिया। इसके विपक्ष में 150 सांसद रहे। बिल के लिए 369 सांसदों ने मत दर्ज कराया। बता दें, लोकसभा में पेश हुआ ‘एक देश- एक चुनाव’ बिल बहुत अहम है। बिल का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ चुनाव होंगे। अभी हमारे देश में अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव, नगरपालिकाओं एवं पंचायत चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। सरकार चाहती है कि देश में होने वाले सभी तरह के चुनाव एक साथ हो।
केंद्रीय कानून मंत्री ने पेश किया बिल
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘एक देश- एक चुनाव’ बिल को पेश किया। मेघवाल ने बिल को पेश करने के बाद स्पीकर से अपील की कि बिल को विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास पहले भेजा जाए। बिल आने के बाद कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी, शिवसेना उद्धव गुट समेत कई विपक्षी दलों ने विरोध किया।
लोकसभा में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक मशीन से कराई गई वोटिंग
‘एक देश- एक चुनाव’ बिल को पास कराए जाने को लेकर वोटिंग हुई। लोकसभा में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक मशीन से वोटिंग कराई गई। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सबको प्रक्रिया बताई जाएगी। इसके बाद सेक्रेटरी जनरल उत्पल कुमार सिंह ने व्यवस्था बताई।
किस पार्टी ने क्या दी प्रतिक्रिया?
एआईएमआईएम (AIMIM) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह बिल अप्रत्यक्ष रूप से लोकतंत्र की राष्ट्रपति शैली लाएगा, जिससे क्षेत्रीय पार्टियां खत्म होंगी। तेलुगु देशम पार्टी के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने बिल का समर्थन किया। डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा कि मेरी सुझाव है कि बिल को संसदीय कमेटी को भेजा जाना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि बिल में चुनाव सुधार नहीं है। यह केवल एक व्यक्ति की महत्वाकांक्षा पूरी करने को लाया गया है।