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ONGC को गैस के दाम घटने से राजस्व में 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान की आशंका

सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) को गैस के दाम घटने से राजस्व में 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान का अनुमान है। सरकार ने गैस मूल्य निर्धारण फार्मूले के आधार पर गैस के दाम में 26 प्रतिशत की बड़ी कटौती की है।

11:40 PM Apr 02, 2020 IST | Shera Rajput

सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) को गैस के दाम घटने से राजस्व में 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान का अनुमान है। सरकार ने गैस मूल्य निर्धारण फार्मूले के आधार पर गैस के दाम में 26 प्रतिशत की बड़ी कटौती की है।

ongc को गैस के दाम घटने से राजस्व में 4 000 करोड़ रुपये का नुकसान की आशंका
सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) को गैस के दाम घटने से राजस्व में 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान का अनुमान है। सरकार ने गैस मूल्य निर्धारण फार्मूले के आधार पर गैस के दाम में 26 प्रतिशत की बड़ी कटौती की है। उर्वरक, बिजली उत्पादन और वाहनों में उपयोग के लिये सीएनजी तथा घरों में पाइप के जरिये पहुंचने वाली रसोई गैस के रूप में उपयोग होने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत एक अप्रैल से घटकर 2.39 डॉलर प्रति यूनिट (10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट) कर दी गई है। हालांकि, गैस का यह दाम उसकी उत्पादन लागत से करीब 37 प्रतिशत कम है। 
ओएनजीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शशि शंकर ने कहा, ‘‘हमारे लिये यह कीमत वहनीय नहीं है। हमने पहले ही सरकार से कह दिया है कि गैस मूल्य को नियंत्रण से मुक्त होना चाहिये। प्राकृतिक गैस के मामले में उसके विपणन और मूल्य निर्धारण की पूरी आजादी होनी चाहिए।’’ भाजपा नीत केंद्र सरकार ने अक्ट्रबर 2014 में गैस कीमत निर्धारित करने के लिये नया फार्मूला बनाया था। इसमें अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे अधिशेष गैस वाले देशों में दरों को आधार बनाकर शुद्ध आयातक देश में कीमत निर्धारित की जाती है। इस फार्मूले पर हर छह महीने में दाम तय किये जाते हैं जो कि अगले छह महीने तक लागू रहते हैं। 
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने 20 मार्च 2017 को लोकसभा में कहा था कि कृष्णा गोदावरी बेसिन में प्राकृतिक गैस की उत्पादन लागत 4.99 डॉलर से 7.30 डॉलर प्रति यूनिट जबकि अन्य बेसिन में यह 3.80 डॉलर से 6.59 डॉलर प्रति यूनिट बैठती है। ओएनजीसी के लिये पश्चिम अपटतीय क्षेत्र से उत्पादित गैस की लागत 3.8 डॉलर है। यानी इस मूल्य पर कंपनी को न लाभ होगा और न ही हानि। कंपनी 6.4 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन गैस उतपादन में से ज्यादातर पश्चिमी अपतटीय क्षेत्र से ही करती है। शंकर ने कहा, ‘‘नई दरें अब उसकी लागत से नीचे आ गयी हैं।’’ 
प्रत्येक एक डॉलर के बदलाव से कंपनी की आय पर 4,400 से 4,500 करोड़ रुपये सालाना का असर पड़ता है। फार्मूले के मुताबिक एक अपैल से प्राकृतिक गैस का दाम 3.23 डॉलर प्रति यूनिट से घटाकर 2.39 डॉलर प्रति यूनिट कर दिया गया है। इस कटौटती से कंपनी को सालाना करीब 4,000 करोड़ रुपये की आय का नुकसान होगा। 
कंपनी के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि ओएनजीसी के कुल लाभ में गैस की हिस्ससेदारी करीब आधी है। ऐसे में कीमत कम होने से कंपनी को नकदी नुकसान हो सकता है। एक अप्रैल को की गई यह कटौती छह महीने में दूसरी बार है और इस कटौती के बाद प्राकृतिक गैस का दाम 2014 में नया मूल्य फार्मूला अपनाये जाने के बाद से सबसे नीचे आ गई है। गहरे सागर जेसे कठिन क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत भी 8.43 डॉलर प्रति यूनिट से कम होकर 5.61 डॉलर प्रति यूनिट कर दी गयी है। यह ओएनजीसी के केजी बेसिन से नये उत्पादन की स्थति में केवल लागत निकालने के बराबर है। 
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Shera Rajput

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