इजरायल-ईरान युद्ध: अमेरिकी सेना को ईरान के खिलाफ भेजना अंतिम विकल्प होगा, ट्रंप ने दिया बयान
ईरान कुछ ही हफ्तों में बना सकता है परमाणु बम
वॉशिंगटन: इजरायल और ईरान के बीच नौ दिनों से जारी सैन्य संघर्ष लगातार उग्र होता जा रहा है। दोनों देशों के बीच हवाई हमलों का सिलसिला जारी है, जिसमें शहर दर शहर तबाही मच रही है। इस टकराव का केंद्र ईरान के न्यूक्लियर प्लांट्स बने हुए हैं, जिन पर इजरायल निशाना साध रहा है। वहीं, अमेरिका की भूमिका को लेकर अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अहम बयान दिया है।
ईरान के खिलाफ अमेरिकी सेना की तैनाती “आखिरी विकल्प”: ट्रंप
इजरायल द्वारा ईरान के भूमिगत फोर्डो (Fordow) न्यूक्लियर प्लांट को नष्ट करने की क्षमता पर संदेह जताते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि “इजरायल के पास इस मिशन को पूरी तरह अंजाम देने की सीमित क्षमता है। वे केवल मामूली नुकसान पहुंचा सकते हैं, पूर्ण विनाश संभव नहीं है।” ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका की सेना को ईरान के खिलाफ भेजना अंतिम विकल्प होगा, और अभी करीब दो सप्ताह की योजना और तैयारी की गुंजाइश है।
व्हाइट हाउस का दावा: ईरान कुछ ही हफ्तों में बना सकता है परमाणु बम
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ईरान के पास न्यूक्लियर बम निर्माण की पूरी क्षमता है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने पुष्टि की है कि तेहरान के पास बम निर्माण के लिए आवश्यक सभी सामग्री मौजूद है। उन्होंने यह भी कहा कि “अगर ईरान अपने सुप्रीम लीडर के आदेश पर आगे बढ़ता है, तो वह कुछ ही हफ्तों में परमाणु बम बना सकता है।” हालांकि, इस दावे को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख ने खारिज करते हुए कहा है कि “फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की दिशा में बढ़ रहा है।”
Iran vs Israel : ईरान-इजराइल युद्ध और भयानक हुआ, नागरिक इलाकों में तबाही, दोनों देशों में दहशत
इजरायली हमले और ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’
12 जून को इजरायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के तहत ईरान के प्रमुख न्यूक्लियर प्रतिष्ठानों पर हमला शुरू किया था। इस कार्रवाई के बाद ईरान ने भी जवाबी हमले शुरू किए, जिनमें राजधानी तेल अवीव समेत कई रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया। दोनों देशों के बीच इस वक़्त युद्ध जैसे हालात हैं और हर दिन नए हमले सामने आ रहे हैं।
फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट: क्यों है रणनीतिक रूप से अहम?
फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट ईरान के क़ुम शहर के उत्तर-पूर्व में स्थित है और इसे एक पहाड़ की गहराई में बनाया गया है। यह प्लांट ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की निगरानी में है। इसका मुख्य कार्य यूरेनियम संवर्धन (Uranium Enrichment) है, जिससे न केवल परमाणु ऊर्जा बल्कि हथियार भी बनाए जा सकते हैं। इस अत्यधिक गोपनीय परियोजना की जानकारी 2009 में पश्चिमी खुफिया एजेंसियों द्वारा दी गई थी, जिसके बाद इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ गई थी।
भारत ने शुरू किया ‘ऑपरेशन सिंधु’
जंग के हालात को देखते हुए भारत सरकार ने ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ शुरू किया है। इस ऑपरेशन के तहत शुक्रवार रात 290 भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाया गया। इससे पहले 19 जून को 110 भारतीयों को भी वापस लाया गया था। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दो दिनों में लगभग एक हजार भारतीयों को वापस लाने की योजना है। ईरान ने भारत के लिए अपना एयरस्पेस भी खोल दिया है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन को गति मिली है।