Operation Sindoor : आतंक के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई, सेना ने पेश किए कई अहम सबूत
आतंक के खिलाफ भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ निर्णायक कदम
भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की, जिसमें केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि इस अभियान का उद्देश्य पाकिस्तान नहीं बल्कि आतंकवाद था। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तानी मिसाइलों को नष्ट कर दिया, जिससे भारत की सुरक्षा तैयारियों की मजबूती साबित हुई।
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में लागू हुए युद्धविराम (सीजफायर) के बाद आज यानी12 मई को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सेना ने स्पष्ट किया कि यह अभियान पाकिस्तान के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सेना ने बताया कि 7 मई को की गई कार्रवाई में केवल आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया. हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने इसे अपनी लड़ाई मानते हुए जवाबी कार्रवाई की, जिसकी ज़िम्मेदारी अब उन्हें खुद उठानी होगी.
‘स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत’
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर मार्शल ए.के. भारती ने भारत के वायु सुरक्षा तंत्र की मजबूती को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि भारत की स्वदेशी प्रणाली, विशेषकर ‘आकाश’ एयर डिफेंस सिस्टम, ने युद्ध स्थितियों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा, ‘हमारी प्रणाली आधुनिक और प्रभावी है, जिसे भेद पाना लगभग असंभव है. यह सब संभव हो पाया है सरकार की रणनीतिक योजनाओं और पिछले दशक में मिले बजट सहयोग की बदौलत हो पाया है.’ इस दौरान एयर मार्शल एके भारती ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायु सेना की ओर से निशाना बनाए गए टारगेटों की फोटो भी पेश कीं.
‘भारतीय सैन्य ठिकाने पूरी तरह तैयार’
भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि सभी सैन्य और वायु बेस न केवल सुरक्षित हैं, बल्कि किसी भी मिशन के लिए तैयार भी हैं. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की ओर से दागी गई पीएल-15 मिसाइलों को नष्ट कर दिया गया, जिसके अवशेष भी बरामद हुए हैं. पाकिस्तानी ड्रोन भी भारतीय वायु रक्षा जाल से बच नहीं सके.
‘पहलगाम हमले के बाद कार्रवाई तय थी’
सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि बीते वर्षों में आतंकवाद की प्रकृति में बदलाव आया है और अब सीधे आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 2024 में शिवखोड़ी मंदिर जा रहे तीर्थयात्रियों और अप्रैल में पहलगाम में हुए हमले ने यह स्पष्ट कर दिया था कि अब निर्णायक कार्रवाई ज़रूरी है. उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर की योजना इस पृष्ठभूमि में बनी, जहां हमने सीमा पार किए बिना आतंक के ठिकानों पर सटीक हमले किए. हमें पहले से अंदेशा था कि पाकिस्तान की ओर से वायु हमला हो सकता है, इसलिए हमारी एयर डिफेंस तैयारी पहले से मजबूत की गई थी. 9 और 10 मई को जब पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों पर हमला किया, तब उन्हें हमारे एयर डिफेंस सिस्टम का करारा जवाब मिला.’
‘पाकिस्तानी एयरफील्ड को हुआ बड़ा नुकसान’
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने आगे बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के एयरबेस की हालत किसी से छिपी नहीं है. वहीं भारत के सभी एयरफील्ड पूरी तरह सक्रिय और सुरक्षित हैं. उन्होंने सीमा सुरक्षा बल की भी सराहना की, जिन्होंने दुश्मन की नापाक कोशिशों को नाकाम किया.
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