'ऑपरेशन सिंदूर' में सेनाओं की एकजुटता की मिसाल: CDS और तीनों सेना प्रमुखों ने साझा किए अनुभव
भारतीय सशस्त्र बलों के शीर्ष अधिकारियों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान थलसेना, वायुसेना…
भारतीय सशस्त्र बलों के शीर्ष अधिकारियों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बीच बेहतरीन तालमेल को रेखांकित किया।
मानेकशॉ सेंटर में हुई उच्चस्तरीय बैठक
बुधवार को दिल्ली छावनी स्थित मानेकशॉ सेंटर में आयोजित एक विशेष बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई।
तीनों सेनाओं के प्रमुखों की उपस्थिति
इस अहम बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने हिस्सा लिया। इनके साथ ही पूर्व सैन्य अधिकारी और विभिन्न रक्षा थिंक टैंक के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
30 मिनट की ब्रीफिंग में साझा किए गए अहम बिंदु
अधिकारियों के अनुसार, बंद कमरे में रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डी एस राणा द्वारा आयोजित करीब 30 मिनट की ब्रीफिंग के दौरान, प्रतिद्वंद्वी द्वारा लगातार चलाए जा रहे भारत विरोधी दुष्प्रचार अभियान और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता पर इसके प्रभाव पर भी प्रकाश डाला गया।
ऑपरेशन सिंदूर में तालमेल की सराहना
इस दौरान पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे भारत विरोधी दुष्प्रचार अभियान, और उसका क्षेत्रीय शांति व स्थिरता पर पड़ने वाला असर भी सामने लाया गया। अधिकारियों ने बताया कि किस तरह भारतीय सेनाओं ने आपसी तालमेल के साथ त्वरित और निर्णायक कार्रवाई को अंजाम दिया।
त्रि-सेना समन्वय: भविष्य के अभियानों के लिए उदाहरण
यह बैठक न केवल भारत की सैन्य क्षमताओं को दर्शाती है, बल्कि त्रि-सेना समन्वय की एक मजबूत मिसाल भी पेश करती है, जो भविष्य के सैन्य अभियानों के लिए मार्गदर्शन साबित हो सकती है।