W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

खतौली उपचुनाव में ‘मुस्लिम-जाट गठजोड़’ बनाने में जुटा विपक्ष, क्या भगवा पार्टी का बिगाड़ेगा सियासी गणित ?

खतौली चर्चा का केंद्र बनी हुई है। यहां मुख्य रूप से मुकाबला सत्तारूढ़ भाजपा की राजकुमारी सैनी और सपा-आरएलडी गठबंधन के उम्मीदवार मदन भैया के बीच है। खतौली को भाजपा विरोधी किसान नेता राकेश टिकैत का गढ़ भी माना जाता है।

04:00 PM Dec 02, 2022 IST | Desk Team

खतौली चर्चा का केंद्र बनी हुई है। यहां मुख्य रूप से मुकाबला सत्तारूढ़ भाजपा की राजकुमारी सैनी और सपा-आरएलडी गठबंधन के उम्मीदवार मदन भैया के बीच है। खतौली को भाजपा विरोधी किसान नेता राकेश टिकैत का गढ़ भी माना जाता है।

खतौली उपचुनाव में ‘मुस्लिम जाट गठजोड़’ बनाने में जुटा विपक्ष  क्या भगवा पार्टी का बिगाड़ेगा सियासी गणित
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की तीन हाई प्रोफाइल सीटों पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होने हैं। जिनमें मैनपुरी की लोकसभा सीट, रामपुर और खतौली की विधानसभा सीट शामिल है। मैनपुरी सीट देश के पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण खाली हुई है। रामपुर सीट सपा नेता आजम खान को भड़काऊ भाषण मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद खाली हुई है और खतौली सीट भाजपा नेता विक्रम सैनी को मुजफ्फरनगर दंगे में दोषी पाए जाने के बाद खाली हुई है। 
इन तीनो सीटों में खतौली चर्चा का केंद्र बनी हुई है। यहां मुख्य रूप से मुकाबला सत्तारूढ़ भाजपा की राजकुमारी सैनी और सपा-आरएलडी गठबंधन के उम्मीदवार मदन भैया के बीच है। खतौली को भाजपा विरोधी किसान नेता राकेश टिकैत का गढ़ भी माना जाता है। दरअसल खतौली में जाति फैक्टर भी हावी है। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 3 लाख 12 हजार के करीब वोटर है। जिनमें मुस्लिम और दलित की संख्या अधिक है। इनके साथ-साथ जाट, गुर्जर, सैनी और कश्यप भी अच्छी खासी संख्या में है। भाजपा इसी जातीय समीकरण की बदौलत खतौली में जीत हासिल कर चुकी है। 
भाजपा के विजय रथ को रोकने का प्रयास 
आरएलडी को जाट समुदाय के एक बड़े तबके का समर्थन प्राप्त है। हालांकि भगवा पार्टी भी जाट वोटों में सेंधमारी करने में कामयाबी हासिल कर लेती है। खतौली सीट हाई प्रोफाइल इसलिए भी हो जाती है क्योंकि यह भाजपा के जाट चेहरे संजीव बालियान की लोकसभा सीट के अंतरगर्त आती है। माना जा रहा है कि बालियान के प्रभाव के कारण भाजपा को एकतरफा जाट समुदाय के वोट मिल सकते है। बता दें कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी जाट समुदाय से आते है। खतौली उपचुनाव में भाजपा का प्रदर्शन उनके असर को भी दर्शाएगा। बात करे सपा-आरएलडी गठबंधन की तो वह पूर्ण रूप से ”मुस्लिम-जाट” गठजोड़ बनाने में जुटी है। हालांकि किसके पक्ष में नतीजे आएंगे यह तो आगामी दिनों में साफ हो जाएगा। आपको बता दें कि राज्य की तीनो सीटों पर 5 दिसंबर को मतदान  होने है और नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे।   
Advertisement
Advertisement
Author Image

Advertisement
Advertisement
×