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वीआईपी इंडस्ट्रीज के खिलाफ जांच का आदेश

(एनएए) ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) दर में कटौती से 18,887 रुपये का लाभ ग्राहकों को नहीं देने पर बैकपैक और ट्राली के वितरकों को दोषी पाया है।

12:25 PM May 15, 2019 IST | Desk Team

(एनएए) ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) दर में कटौती से 18,887 रुपये का लाभ ग्राहकों को नहीं देने पर बैकपैक और ट्राली के वितरकों को दोषी पाया है।

नई दिल्ली : राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण (एनएए) ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) दर में कटौती से 18,887 रुपये का लाभ ग्राहकों को नहीं देने पर बैकपैक और ट्राली के वितरकों को दोषी पाया है। प्राधिकरण ने इसके साथ ही अपनी जांच इकाई को यह पता लगाने का आदेश दिया है कि क्या विनिर्माता कंपनी वीआईपी इंडस्ट्रीज ने इस मामले में कोई अनुचित लाभ हासिल किया है। मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण का आदेश केरल की वितरक कंपनी वीटीडब्ल्यूओ वेंचर के खिलाफ पारित किया गया।

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कंपनी के ’ट्रापिक 45 वीकएंडर ब्लेक (बैकपैक) और नियोलाइट स्ट्रोली (ट्राली) की बिक्री के मामले में यह कदम उठाया गया। यह जांच 15 नवंबर 2017 से 31 अगस्त 2018 की अवधि के लिये की गई। इनका उत्पादन वीआईपी इंडस्ट्रीज द्वारा किया जाता है। मुनाफाखोरी रोधी महानिदेशालय (डीजीएपी) ने अपनी जांच में पाया कि जीएसटी दर 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत कर दिये जाने के बावजूद वितरण कंपनी वीटीडब्ल्यूओ वेंचर्स ने उत्पाद का बिक्री मूल्य कम नहीं किया।

वितरक का मानना है कि वह विनिर्माता कंपनी के मूल्य ढांचे के अनुरूप ही उत्पादों की बिक्री कर रहा है। उसके वितरक मार्जिन में कोई वृद्धि नहीं हुई है इसलिये उसे जीएसटी दर में कटौती से कोई अतिरिक्त लाभ नहीं हुआ है। डीजीएपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 15 नवंबर 2017 से 31 अगस्त 2018 के दौरान की गई आपूर्ति पर मुनाफे की राशि 18,887 रुपये बैठती है। कंपनी को यह तीन माह के भीतर 18 प्रतिशत ब्याज के साथ राशि उपभोक्ता कलयाण कोष में जमा कराने को कहा गया है।

एनएए ने मामले में वीटीडब्ल्यूओ के इस दावे को देखते हुये कि उसके मार्जिन में किसी तरह की वृद्धि नहीं हुई और वह विनिर्माता कंपनी के मूल्य ढांचे के अनुरूप ही काम कर रहा है, डीजीएपी को इस मामले में संबंधित उत्पादों के विनिर्माता (वीआईपी इंडस्ट्रीज) द्वारा मुनाफाखोरी की जांच करने का आदेश दिया गया है।

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