For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

Ranchi Olympic 2024 : भारतीय महिला Hockey Team को नयी मजबूती देंगे, यह वादा है कप्तान Savita Punia

01:42 PM Mar 22, 2024 IST
ranchi olympic 2024   भारतीय महिला hockey team को नयी मजबूती देंगे  यह वादा है कप्तान savita punia

Ranchi Olympic 2024 क्वालीफायर में हार का दर्द जिंदगी भर उन्हें सालता रहेगा लेकिन भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सविता पूनिया का वादा है कि अगले चार साल में इतनी मजबूत टीम बनायेंगे कि यह दिन दोबारा नहीं देखना पड़े।

  • HIGHLIGHTS
  • ओलंपिक क्वालीफायर हारना हमारे लिये बुरा पल
  • महिला Hockey Team को नयी मजबूती देंगे
  • भारतीय महिला Hockey Team की कप्तान Savita Punia का वादा है

सविता ने पुणे से भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा ,‘‘ ओलंपिक क्वालीफायर हारना हमारे लिये ऐसा बुरा पल है जिसे हम खिलाड़ी पूरी जिंदगी शायद नहीं भुला सकेंगे । अभी तक मैं उससे उबर नहीं सकी हूं ।’’ रियो ओलंपिक 2016 के जरिये 36 साल बाद ओलंपिक में लौटी भारतीय महिला हॉकी टीम तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक चौथे स्थान पर रही थी । रांची में जनवरी में खेले गए क्वालीफायर में हालांकि जापान से हारकर उसने पेरिस ओलंपिक जाने का मौका गंवा दिया ।

इस अनुभवी गोलकीपर ने कहा ,‘‘ मैं उसके बारे में बात नहीं करना चाहती थी क्योकि इससे दुख ही होता है । हमने तोक्यो में चौथे स्थान पर रहने की खुशी देखी और अब ओलंपिक नहीं खेलने का दर्द भी । लेकिन हम खिलाड़ी हैं और हार जीत हमें बहुत कुछ सिखाती है । लेकिन कम से कम हमें यह मलाल नहीं है कि हमने अच्छा नहीं खेला ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ हम सभी ने अपना शत प्रतिशत दिया और हमारी तैयारी बहुत अच्छी थी । वादा करते हैं कि अगले टूर्नामेंटों में अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे । शायद इस हार के पीछे हमारी बदकिस्मती थी । लोगों से ज्यादा हम खुद दुखी हैं । हमने बहुत मेहनत की थी । सब कुछ झोंक दिया था ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘यह हमारे लिये सबक है । मुझे अपने सफर का पता नहीं लेकिन कोशिश रहेगी कि अगले चार साल में टीम को इतना मजबूत बनाये कि ओलंपिक और विश्व कप में खेलें और अच्छा खेलें ।’’ भारत के लिये 2008 में सीनियर स्तर पर पदार्पण करने वाली सविता ने कहा ,‘‘ लोग सिर्फ नतीजे देखते हैं लेकिन एक सीनियर खिलाड़ी या कप्तान के तौर पर मैं कह सकती हूं कि हमारा प्रदर्शन ग्राफ ऊपर ही गया है ।’’
छह साल बाद सीनियर राष्ट्रीय चैम्पियनशिप खेल रही इस खिलाड़ी ने कहा ,‘‘ खेल की अच्छी बात यही है कि आपको पिछला भुलाकर बहुत जल्दी आगे बढना पडता है । इसलिये मैं पुणे में सीनियर राष्ट्रीय महिला चैम्पियनशिप खेलने आई क्योंकि हॉकी मेरा जुनून है और मैदान से जितना दूर रहूंगी , ये बात परेशान करती रहेगी ।’’

क्वालीफायर हारने के बाद टीम को मिले ब्रेक में खिलाड़ियों को सारा दुख दर्द भुलाकर नये सिरे से लौटने के लिये कहा गया था ।
सविता ने कहा ,‘‘ घर पर पांच से दस दिन कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था । बहुत कोशिश की लेकिन शरीर साथ नहीं दे रहा था । फिर योग और प्राणायाम का सहारा लिया और फिटनेस पर ध्यान दिया ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ क्वालीफायर के बाद एक सप्ताह घर पर थे और सभी खिलाड़ियों को कहा कि जितना रोना है, उदास होना है यह ब्रेक उसी के लिये है । भीतर रखने से कुछ नहीं होगा और इसे बाहर निकालना जरूरी है । इस ब्रेक में ओलंपिक क्वालीफायर के बारे में किसी ने बात नहीं की ।’’

ओलंपिक क्वालीफायर हारने के दस दिन बाद ही भुवनेश्वर में एफआईएच प्रो लीग खेलना काफी चुनौतीपूर्ण था लेकिन भारतीय टीम ने आस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को भी हराया । सविता ने कहा ,‘‘ प्रो लीग के लिये टीम भुवनेश्वर में एकत्र हुई तो पहली टीम बैठक में यही देखा कि सभी को कैसा महसूस हो रहा है । युवाओं का मनोबल ऊंचा रहना जरूरी था ।टीम को भी श्रेय जाता है कि हमने एकजुट होकर प्रो लीग खेला ।’’ उन्होंने कहा,‘‘ प्रो लीग में हालैंड, आस्ट्रेलिया, चीन से अच्छे मैच खेले । मन में यही चल रहा था कि हम बेहतर के हकदार थे लेकिन क्वालीफाई क्यो नहीं कर पाये, इसका जवाब हमारे पास नहीं है । हालैंड टीम भी हैरान थी कि हम क्यो नहीं कर सके ।’’

अब भारतीय टीम को मई जून में बेल्जियम में प्रो लीग मुकाबले खेलने हैं और फोकस फिटनेस पर रहेगा 

सविता ने कहा ,‘‘ अब नया कोर ग्रुप बनेगा और कुछ नये खिलाड़ी भी आयेंगे । फिटनेस और ड्रैग फ्लिक पर फोकस रहेगा । जो हॉकी हम लगातार खेल रहे हैं, उसी पर काम करना है ।’’ पेरिस ओलंपिक की तैयारी के लिये शादी के बाद पति से दूर रहने वाली सविता को सबसे बड़ी तसल्ली क्वालीफायर हारने के बाद उनसे मिलने कनाडा से आये पति के सांत्वना भरे शब्दों से मिली ।

उन्होंने कहा ,‘‘ मेरे पति ओलंपिक क्वालीफायर के बाद आये थे और उन्होंने काफी हौसला दिया । उन्होंने कहा कि जो हो गया, उसे नहीं बदल सके लेकिन आगे देखो और जब तक खेलना चाहती हो, खेलो । मेरे लिये यही बहुत अच्छी बात रही कि मेरे दोनों परिवारों ने मेरा साथ दिया ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘मैं हर परिवार से कहूंगी कि बच्चों को आत्मविश्वास दें कि जो भी करना चाहते हैं, खुलकर करें । मेरे पापा को भी लोगों ने कहा था कि इसे खेलने बाहर क्यो भेज रहे हो लेकिन मेरे परिवार ने मुझ पर भरोसा रखा और आज मैं इस मुकाम पर पहुंची हूं । मैं घर से निकली थी तो यही लक्ष्य था कि अपने माता पिता को गौरवान्वित करना है । मैने अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं रखी ।’’

Advertisement
Author Image

Advertisement
×