अजित पवार ने पुलिस की तीन एकड़ जमीन नीलाम करने वाले दावों को किया खारिज
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने सोमवार को एक निजी पार्टी को जमीन बेचने के संबंध में पुणे के पूर्व पुलिस प्रमुख मीरान बोरवंकर के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि उनका इससे कोई संबंध नहीं है। यह कहते हुए कि जिले के संरक्षक मंत्रियों को जमीन खरीदने का अधिकार नहीं है।
अजीत पवार ने इस मामले पर दिया स्पष्टीकरण
डिप्टी सीएम अजीत पवार ने एक बयान में कहा कि ऐसे मामले राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष रखने से पहले राजस्व विभाग के पास जाते हैं और कैबिनेट इस पर अंतिम निर्णय लेती है। जिले के संरक्षक मंत्रियों को जमीन खरीदने का अधिकार नहीं है, इसलिए सरकारी जमीन बेची नहीं जा सकती। ऐसे मामले राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष रखने से पहले राजस्व विभाग के पास जाते हैं। मंत्रिमंडल इस पर अंतिम निर्णय लेता है। मेरे पास है इस मुद्दे से कोई संबंध नहीं है। मुझे किसी दबाव की परवाह नहीं है, ऐसे मामलों में मैं हमेशा सरकारी नियमों का पालन करता हूं, आप प्राधिकरण के साथ इसकी जांच कर सकते हैं।
जानिए पुलिस के पूर्व प्रमुख ने अपनी पुस्तक में क्या किए थे खुलासे
पुणे सिटी पुलिस के पूर्व प्रमुख मेरान बोरवंकर ने अपनी नई जारी पुस्तक मैडम कमिश्नर" में दावा किया है कि तत्कालीन "जिला मंत्री" (पुस्तक में उनके नाम का उल्लेख किए बिना अजित पवार) ने उन्हें नीलाम की गई जमीन सौंपने के लिए दबाव डाला था, जिसके बाद पवार की यह प्रतिक्रिया आई। पुणे पुलिस विभाग ने एक बोली लगाने वाले को, जिस पर बाद में 2जी घोटाले में सीबीआई द्वारा मामला दर्ज किया गया था। मीरान बोरवंकर 2010 और 2012 के बीच पुणे पुलिस आयुक्त थीं। बाद में उन्होंने पुणे में अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में कार्यभार संभाला।